क्या है स्ट्रॉ बेलर मशीन, जाने इसके उपयोग और महत्व

By: Tractor choice
Published on: 21-Feb-2024
क्या है स्ट्रॉ बेलर मशीन, जाने इसके उपयोग और महत्व

स्ट्रॉ बैलेर एक कृषि यंत्र है जो खेत में फसल कटाई के बाद बची हुई पराली को एकट्ठा करके उसके गट्ठर बना देता है। दूसरी फसल की बुवाई के लिए खेत में से पराली को निकालना आवश्यक रहता है, वरना दूसरी फसल की बुवाई अच्छे से नहीं हो पाएगी। 

इसीलिए किसान खेत से पराली को निकालने के लिए स्ट्रॉ बेलर का उपयोग कर सकता है। इस मशीन के उपयोग में मजदूरों की तुलना में काफी कम खर्च आता है। 

अब उन्हें पराली को खेत में जलाने की कोई जरुरत नहीं है। पराली को खेत में जलाने से खेत की पैदावार कम होती है, और भूमि की उर्वरकता शक्ति भी कमजोर पड़ती है। 

इस मशीन के उपयोग से भूमि को बिना किसी तरह का नुक्सान पहुँचाये खेत में से पराली को निकाला जा सकता है। 

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किसान हर साल धान की फसल की कटाई के बाद पराली को खेत में जला देता है। जिसकी वजह से वातावरण प्रदूषित होता है, इसे नियंत्रित करने के लिए स्ट्रॉ बेलर का निर्माण किया है। यह किसानों की आय का भी श्रोत बन सकता है। 

स्ट्रॉ बेलर मशीन के उपयोग

  • स्ट्रा बेलर मशीन फसल अवशेषों को प्रबंधनीय पैकेजों में जमा करने के लिए हाइड्रोलिक प्रेस के रूप में कार्य करती है। साथ ही इस पराली को स्ट्रैपिंग का उपयोग कर सुक्षित तरीके से बांध देती है। 
  • स्ट्रॉ बेलर मशीन द्वारा बने हुए गट्ठों को ट्रैक्टर पर लगे कटर से काटते है। कटर के द्वारा काटी गई इस पराली को पशुओं के चारे के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। 
  • स्ट्रॉ बेलर मशीन पर्यावरण को संरक्षित करती है। यह मृदा के क्षरण को कम करता है साथ ही वायु प्रदुषण को भी नियंत्रित कम करती है।
  • संसाधन दक्षता में सहायक होती है।  यह पराली को अच्छे से संपीडित करती है, जिससे की पराली  के परिवहन, प्रबंधन और भंडारण में आसानी रहती है। 
  • किसान संपीडित की गई पराली को बेच कर भी मुनाफा कमा सकते है। पराली की बिक्री से किसानों के लिए राजस्व सृजन के दरवाजे खुलते है। बेलर मशीन की कीमत 12 -15 लाख है। 

कंबाइन से कटाई के बाद करें पराली प्रबंधन 

देश के बहुत से इलाकों में गन्ना और धान की खेती की जाती है।  इन फसलों की कटाई के बाद फसल के बचे हुए अवशेषों को पराली के रूप में जाना जाता है, जो की पुरे खेत में बिखरे हुए होते है। कई बार किसानों द्वारा इस पराली पर डीकम्पोज़र का छिड़काव किया जाता है। 

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कुछ किसानों द्वारा इसे अच्छी कीमत पर बेच दिया जाता है। इन फ़ैली हुए फसलों को समेटने के लिए किसान स्ट्रॉ बेलर का उपयोग कर सकता है। कुछ ही समय में किसान इसकी मदद से पराली को एक बंडल में सिमट लेते है। 

पराली से बनाये भूसा 

किसान खेत में पराली को जलाने के बजाय उससे भूसा भी बना सकते है। पराली को खेत में जलाने से मिट्टी के साथ साथ पर्यावरण पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। 

इसीलिए स्ट्रॉ बेलर से पराली को इकठ्ठा करके उसे कटर या थ्रेसर मशीन से भी कटवा सकते है। पराली से बनी यह कुट्टी पशुओं के चारे के काम आ जाती है। सर्दियों में भूसे की मांग बढ़ जाती है इसे सर्दियों के लिए भी स्टोर करके रखा जा सकता है और सर्दियों में अच्छे दामों पर बेचा जा सकता है। 

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