भारत के अंदर हर घर में काली मिर्च का प्रयोग जरूर होता है। काली मिर्च को मसालों की रानी माना जाता है। भारतीय रसोई में सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक ज्यादातर व्यंजन में काली मिर्च का प्रयोग किया जाता है।
भोजन में काली मिर्च का इस्तेमाल केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है। काली मिर्च एक अच्छी औषधि भी है।
काफी लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है। वास्तव में काली मिर्च के औषधीय गुणों के कारण ही इसे भोजन में शामिल किया जाता है। काली मिर्च का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
काली मिर्च एक औषधीय मसाला है। लेकिन इसको काली मिर्च भी कहते हैं। यह दिखने में थोड़ी छोटी, गोल और काले रंग की होती है। काली मिर्च का स्वाद काफी तीखा होता है।
इसकी लता बहुत समय तक जीवित रहने वाली होती है। यह पान के जैसे पत्तों वाली, बहुत तेजी से फैलने वाली और कोमल लता होती है। इसकी लता मजबूत सहारे से लिपट कर ऊपर बढ़ती है। काली मिर्च को प्रमाथी द्रव्यों में प्रधान माना गया है।
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काली मिर्च का भोजन में प्रयोग करने से भी बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। उदाहरण के लिए ठंड के दिनों में बनाए जाने वाले सभी पकवानों में काली मिर्च का उपयोग किया जाता है, ताकि ठंड और गले की बीमारियों से रक्षा हो सके।
काली मिर्च नपुंसकता, रजोरोध यानी मासिक धर्म के न आने, चर्म रोग, बुखार तथा कुष्ठ रोग आदि में लाभकारी है। आँखों के लिए यह विशेष हितकारी होती है। जोड़ों का दर्द, गठिया, लकवा एवं खुजली आदि में काली मिर्च में पकाए तेल की मालिश करने से बहुत लाभ होता है।
प्रश्न : काली मिर्च से वर्ष में कितनी बार उपज हांसिल कर सकते हैं ?
उत्तर : एक वर्ष में इसकी लगभग दो उपज प्राप्त होती हैं। पहली उपज अगस्त-सितम्बर में और दूसरी मार्च-अप्रैल में।
प्रश्न : काली मिर्च प्रमुख रूप से कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर : बाजारों में दो प्रकार की मिर्च बिकती है पहली सफेद मिर्च और दूसरी काली मरिच।
प्रश्न : काली मिर्च से प्रमुख फायदे क्या होते हैं ?
उत्तर : काली मिर्च से पाचन में सुधार, वजन घटाने में मदद, सर्दी-जुकाम से राहत और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने जैसे लाभ प्रदान करती है।