By: tractorchoice
Published on: 27-Jan-2025
किसान साथियों आज के समय में बहुत सारे किसान अपने पांरपरिक फसल चक्र को छोड़कर उन फसलों की खेती कर रहे हैं, जिनसे वह अच्छा मुनाफा आसानी से हांसिल कर सकें।
सूरजमुखी की खेती भी आधुनिक कृषि क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को बढाती जा रही है। इसके पीछे की मुख्य वजह सूरज मुखी के स्वास्थ्य लाभ और बाजार में इसकी बढ़ती मांग है।
आज के समय में भारत के अंदर सूरजमुखी की खेती काफी बड़े पैमाने पर की जाती है। सूरजमुखी एक तिलहन फसल है।
अगर हम इसके वानस्पतिक नाम की बात करें तो इसको "हैलीएन्थस" कहा जाता है। सूरजमुखी के फूल का सूरज की तरफ मुख होने की वजह से इसको सूरजमुखी नाम दिया गया है।
अगर आप भी लीक से हटकर खेती से अच्छी आय कमाना चाहते हैं, तो सूरजमुखी की खेती करना आपके लिए काफी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
क्योंकि, सूरजमुखी का उत्पादन करने के परिणामस्वरूप आपको अच्छी मात्रा में तेल प्राप्त होता है। सूरजमुखी के तेल की बाजार में मांग और कीमत दोनों ही काफी अच्छी हैं।
इसलिए आइये ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में सूरजमुखी की खेती से संबंधित अहम पहलुओं के बारे में जानें।
सूरजमुखी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
- सूरजमुखी की खेती सामान्यतः कई प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है।
- सूरजमुखी की खेती के लिए रेतली दोमट और काली मिट्टी भी उपयुक्त होती है।
- सूरजमुखी की उपजाऊ और बेहतर जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी उपज मिलती है।
- सूरजमुखी की फसल हल्की क्षारीय मिट्टी को भी सहन करने की क्षमता रखती है।
- सूरजमुखी का उत्पादन अम्लीय और जल जमाव वाली मिट्टी में करने से बचें।
- अगर हम सूरजमुखी की खेती में मिट्टी के पी एच मान की बात करें तो वह लगभग 6.5-8 तक है।
जमीन की तैयारी
सीड बैड तैयार करने के लिए दो से तीन बार जोताई करके सुहागा फेरें। अच्छी उपज के लिए बिजाई अंत जनवरी तक पूरी कर लें।
बिजाई में देरी करने से, यदि बिजाई फरवरी के महीने में की गई हो तो रोपण विधि का प्रयोग करें।
क्योंकि सीधी बिजाई करने से उपज में कमी आती है और देरी से बिजाई करने पर कीटों और बीमारियों का हमला बढ़ जाता है।
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सूरजमुखी की प्रमुख किस्में और उपज
सूरजमुखी की ज्वालामुखी किस्म
- सूरजमुखी की ज्वालामुखी किस्म का पौधा 170 सैं.मी. लम्बा होता है।
- सूरजमुखी की ज्वालामुखी किस्म को पककर तैयार होने में 120 दिनों का समय लगता है।
- सूरजमुखी की ज्वालामुखी किस्म की औसत उपज 7.3 क्विंटल प्रति एकड़ है। इसके तेल की मात्रा 42% प्रतिशत है।
सूरजमुखी की GKSFH 2002 किस्म
- सूरजमुखी की GKSFH 2002 किस्म की फसल 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
- सूरजमुखी की GKSFH 2002 किस्म की औसत उपज 7.5 क्विंटल प्रति एकड़ है।
- सूरजमुखी की GKSFH 2002 किस्म के तेल की मात्रा 42.5 प्रतिशत तक होती है।
सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) किस्म
- सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) किस्म कम समय वाली हाइब्रिड किस्म है।
- सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) किस्म को पकने में 97 दिन का वक्त लग जाता है।
- सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) किस्म की औसतन लंबाई 151 सेंटीमीटर तक होती है।
- सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) किस्म की औसतन उपज 9.8 क्विंटल बीज प्रति एकड़ होती है।
- सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) किस्म के बीज काले और लंबे होते हैं, जिनका वजन 5.8 ग्राम प्रति 100 बीज होता है।
- सूरजमुखी की PSH 2080 (2019) हाइब्रिड किस्म में 43.7 प्रतिशत तेल की मात्रा होती है।
सूरजमुखी की PSH 1962 (2015) किस्म
- सूरजमुखी की PSH 1962 (2015) किस्म एक मध्यम लंबी, कम समयावधि वाली हाइब्रिड किस्म है।
- अगर में इस किस्म की लंबाई की बात करें तो यह 165 सेंटीमीटर तक होती है।
- सूरजमुखी की PSH 1962 (2015) हाइब्रिड किस्म से औसतन उपज 8.2 क्विंटल बीज प्रति एकड़ मिल जाती है।
- सूरजमुखी की PSH 1962 (2015) किस्म के बीज काले और मोटे होते हैं, इनका वजन 6.4 ग्राम प्रति 100 बीज होता है।
- सूरजमुखी की PSH 1962 (2015) हाइब्रिड किस्म में तेल की मात्रा 41.9 प्रतिशत होती है।
- सूरजमुखी की PSH 1962 (2015) किस्म 99 दिन की समयावधि में पककर तैयार हो जाती है।
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सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म
सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म एक लंबी हाइब्रिड किस्म है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म का पौधा औसतन 172 सेंटीमीटर ऊँचा होता है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म की औसत बीज पैदावार 8.4 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म का वजन प्रति 100 बीजों में 4.5 ग्राम है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म के बीजों में तेल की मात्रा 34.5 प्रतिशत तक है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म को पककर तैयार होने में 102 दिन का वक्त लग जाता है।
सूरजमुखी की PSH 996 (2012) किस्म
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) एक हाइब्रिड किस्म है जिसका कद 141 सेंटीमीटर होता है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म महज 96 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म की औसतन बीज उपज 7.8 क्विंटल बीज प्रति एकड़ होती है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म के बीज गहरे और लंबे होते हैं, इनका वजन 6.8 ग्राम प्रति 100 बीज होता है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म में तेल की मात्रा 35.8 प्रतिशत पाई जाती है। इसे पकने में 96 दिन का समय लगता है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म की पछेती बिजाई करना अच्छा होता है।
सूरजमुखी की PSH 569 (2008) किस्म
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म यह 162 सेंटीमीटर लंबी और तेल की मात्रा 36.3 प्रतिशत तक होती है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म एक हाइब्रिड किस्म है और इसके बीज का वजन 6.8 ग्राम प्रति 100 बीज होता है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म की औसतन उपज 7.4 क्विंटल बीज प्रति एकड़ है।
- सूरजमुखी की DK 3849 (2013) किस्म 98 दिन के अंदर पक जाती है और इसकी बुवाई देरी से भी की जा सकती है।
पुरानी किस्में
सूरजमुखी की SSH 3322 (1997) किस्म
- सूरजमुखी की SSH 3322 (1997) किस्म किस्म की लंबाई औसतन 160 सेंटीमीटर तक होती है।
- सूरजमुखी की SSH 3322 (1997) किस्म की औसतन उपज 8.3 क्विंटल प्रति एकड़ है।
- सूरजमुखी की SSH 3322 (1997) किस्म में 43.0% सुगंधित तेल मौजूद होता हैं।
- सूरजमुखी की SSH 3322 (1997) किस्म को पकने में 120 दिन का समय लगता है।
सूरजमुखी की BSH 1(1980) किस्म
- सूरजमुखी की BSH 1(1980) किस्म को एआईसीआरपी (सनफ्लावर) केंद्र, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है।
- सूरजमुखी की BSH 1(1980) किस्म की औसत उपज 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
- सूरजमुखी की BSH 1(1980) किस्म को पकने में करीब 90-95 दिन लग जाते हैं।
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सूरजमुखी की अन्य किस्में
सूरजमुखी की अन्य भी कई किस्में हैं, जिनमें PAC-47, PAC-36, Sungene-85, Morden, DRSF 108 और PAC 1091 आदि शामिल हैं।
सूरजमुखी की अन्य हाइब्रिड किस्म
सूरजमुखी की अन्य हाइब्रिड किस्मों में KBSH-1, TNAU-SUF-7, MSFH-8, MSFH-10, MLSFH-17, DRSH-1, Pro.Sun 09, KBSH 44, APSH-11, MSFH-10 और BSH-1 आदि शामिल हैं।
सूरजमुखी की बिजाई
- सूरजमुखी की बिजाई का समय जनवरी से फरवरी का महीना होता है।
- सूरजमुखी की बिजाई के दौरान अच्छी उपज के लिए दो पंक्तियों में 60 सै.मी. और दो पौधों के बीच में 30 सै.मी. का फासला होना जरूरी है।
- सूरजमुखी की बिजाई के वक्त बीजों को 4-5 सैं.मी. की गहराई पर बोना अच्छा होता है।
- सूरजमुखी की बिजाई गड्ढा खोदकर या बीजों को बिजाई वाली मशीन से बैड बनाकर अथवा मेड़ बनाकर भी कर सकते हैं।
- सूरजमुखी की बिजाई के लिए 2-3 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की जरूरत पड़ती है।
- सूरजमुखी की हाइब्रिड किस्म के लिए 2-2.5 किलो बीज प्रति एकड़ इस्तेमाल किया जाता है।
बीज का उपचार
- सूरजमुखी की बिजाई से पहले बीज को 24 घंटों के लिए पानी में डाल दें। इसके बाद छांव में सुखाएं और 2 ग्राम प्रति किलो थीरम से उपचार करने से बीज को मिट्टी के कीट व रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है।
- सूरजमुखी की फसल को पीले धब्बों के रोगों से संरक्षित करने के लिए बीज को मैटालैक्सिल 6 ग्राम या इमीडाक्लोपरिड 5-6 मि.ली. प्रति किलो बीज से उपचार करें।
खरपतवार नियंत्रण
- सूरजमुखी के पौधे को पहले 45 दिन खरपतवारों से मुक्त रखने के लिए गोड़ाई करनी चाहिए।
- सूरजमुखी की बिजाई के 2-3 सप्ताह के समयांतराल पर पहली गोडाई और 6 सप्ताह बाद दूसरी गोडाई करनी चाहिए।
- खरपतवारों की रोकथाम के लिए पैंडीमैथालीन 1 ली. को 150-200 ली. पानी में फसल के उगने से पूर्व बिजाई के 2-3 दिनों में छिड़काव करें।
- सूरजमुखी की फसल को गिरने से बचाने के लिए 60-70 सै.मी. लंबे बूटों की जड़ों को फूल निकलने से पहले मिट्टी लगादें।
- सूरजमुखी की फसल जब 60-70 सै.मी. लंबी हो जाए तो फसल को तने टूटने वाली बीमारी से संरक्षित करने के लिए फूल बनने से पहले जड़ों में मिट्टी लगादें।
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सिंचाई
- सूरजमुखी की फसल में मिट्टी की किस्म और मौसम के अनुसार 9-10 बार सिंचाई की जाती है।
- सूरजमुखी की फसल में पहली सिंचाई बिजाई से 3 महीने की समयावधि पर की जाती है।
- जब सूरजमुखी की फसल पर 50% प्रतिशत फूल पड़ जाएं और दाने नर्म और सख्त होने पर सिंचाई ना की गई तो उपज कम होती है।
- ध्यान रहे निरंतर ज्यादा सिंचाई करने से उखेड़ा और जड़ों का गलना जैसी बीमारियों का संक्रमण हो सकता है।
- सूरजमुखी की सिंचाई हल्की भूमि पर 8 से 10 और भारी भूमि पर 20-25 दिन के समयांतराल पर करनी चाहिए।
- मधुमक्खी बीज बनने में सहायता करती है।
- फसल की कटाई
- सूरजमुखी की कटाई इसके पत्तों को सूखने और फूलों के पीले रंग के होने पर ही करें।
- सूरजमुखी की कटाई ज्यादा देर से करने पर पत्ते गिरना शुरू हो जाते हैं और दीमक का प्रकोप भी होने लगता है।
कटाई के बाद
- सूरजमुखी के फूल तोड़ने के बाद उनको 2-3 दिनों के लिए सुखा दें।
- सूखे हुए फूलों में से बीज बड़ी ही आसानी से निकल जाते हैं।
- सूरजमुखी के बीज मशीन के जरिए भी निकाले जा सकते हैं।
- मशीन के जरिए इसके बीज निकालकर सुखादें।
- सूरजमुखी के बीज को सुखाने के बाद भंडारण करदें।
निष्कर्ष
सूरजमुखी आज के समय में बेहद लाभकारी तिलहन फसल है। किसान सूरजमुखी की खेती कर पारंपरिक फसलों के मुकाबले में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। आज के समय में भारतभर में सूरजमुखी की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।