अमलतास की खेती कैसे की जाती हैं जानिए यहां

By: tractorchoice
Published on: 29-Nov-2024
अमलतास की खेती कैसे की जाती हैं जानिए यहां

अमलतास का वैज्ञानिक नाम कैसिया फिस्टुला है। इसे गोल्डन शॉवर ट्री, इंडियन लबर्नम, और लैंटर्न ट्री के नाम से भी जाना जाता है। 

यह पौधा फैबासीई (Fabaceae) परिवार का सदस्य है। इसका मूल स्थान भारत और मलेशिया है, लेकिन इसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से उगाया जाता है।  

अमलतास का आकार और स्वरूप  

यह एक मध्यम आकार का सदाबहार वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई लगभग 12-14 मीटर तक हो सकती है। इसके पत्तों की लंबाई 35-40 सेंटीमीटर तक होती है। वृक्ष की सामान्य वृद्धि दर मध्यम होती है।  

फूलों की विशेषताएं  

अमलतास के फूल चमकीले पीले रंग के होते हैं और गुच्छों में लटकते हैं। इन गुच्छों की लंबाई 30-50 सेंटीमीटर तक हो सकती है। इसके फल गहरे भूरे रंग के बेलनाकार होते हैं, जो 70 सेंटीमीटर तक लंबे हो सकते हैं।  

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उपयुक्त जलवायु  

  1. जलवायु: इसे उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु पसंद है।  
  2. तापमान: यह वृक्ष 10°C से 38°C तक के तापमान में जीवित रह सकता है, लेकिन ठंड और पाला इसे नुकसान पहुंचा सकता है।  
  3. वर्षा: 600-1300 मिमी. वार्षिक वर्षा अमलतास की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।  

मिट्टी की आवश्यकताएं  

अमलतास सभी प्रकार की मिट्टी में उग सकता है। इसे दोमट, बलुई, और क्षारीय मिट्टी भी अनुकूल होती है, बशर्ते भूमि में जलनिकासी अच्छी हो।  

प्रचारण विधि  

  1. बीज द्वारा प्रचारण: अमलतास का प्रचारण मुख्य रूप से बीज से किया जाता है। बीजों का बाहरी आवरण कठोर होता है, इसलिए अंकुरण से पहले स्कारिफिकेशन (आवरण पतला करना) करना आवश्यक होता है।  
  2. बीज बोने का समय: बीजों को अप्रैल-मई में नर्सरी में बोया जाता है। पौधे सितंबर तक रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।  

सूखे और प्रबंधन  

अमलतास सूखा सहनशील वृक्ष है, लेकिन इसके नाजुक भागों को पाले से बचाना जरूरी होता है। सर्दियों में इसके पत्ते गिर सकते हैं। गर्मियों में इसे हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है।  

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फसल कटाई और उत्पादन  

  1. परागण: अमलतास की परागण मधुमक्खियों द्वारा होती है।  
  2. परिपक्वता: वृक्ष 7 साल के बाद परिपक्व होता है।  
  3. फल कटाई: फलियाँ नवंबर-दिसंबर में तैयार होती हैं। एक परिपक्व वृक्ष से 300-500 फलियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।  
  4. उपज: उचित देखभाल से एक स्वस्थ वृक्ष अच्छी उपज देता है।  


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