तुंबा: किसानों के लिए मुनाफे का फल

By: tractorchoice
Published on: 21-Jan-2025
Tumba ki kheti

तुंबा खरीफ के सीजन में उगाया जाने वाला एक फल है। इसका स्वाद खट्टा होता है। 

कभी इसको खरपतवार समझकर किसानों द्वारा खेत से बाहर फेंक दिया जाता था। लेकिन, वर्तमान में तुंबा कृषकों के लिए बेहतर आमदनी देने वाला स्त्रोत बन गया है। 

तुम्बा के फल में उपलब्ध महत्वपूर्ण औषधीय गुणों की वजह से इसकी लोकप्रियता और मांग लगातार बढ़ रही है। 

इसका परिणाम यह हुआ कि किसान के लिए यह मुनाफे का फल बन चुका है। तुंबा को व्यापारी करीब 220 से 250 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदने के बाद इसको काटकर सुखाने के बाद बीज निकाल लेते हैं।

तुंबा किस क्षेत्र में उगाया जाता है ?

बीकानेर के अंतर्गत महाजन समेत समीप के इलाकों के बारानी खेतों में बाजरा, ग्वार, मोठ और मूंग इत्यादि फसलों के साथ खरपतवार के तौर पर तुंबा उग जाता है। 

बारिश कम होने पर खाली पड़े खेतों में भी तुम्बा की बेल उग जाती है। पहले किसान इसे खरपतवार मानकर खेत से हटाने पर मेहनत और धनराशि खर्च करते थे।

तुंबा की बिक्री से लाखों की आय 

फिलहाल, तुम्बा की लोकप्रियता बढ़ने से यह ग्रामीणों के लिए आमदनी का बेहतर माध्यम हो गया है। 

ऐसी स्थिति में लोग खेतों से इकठ्ठा करके तुम्बा को व्यापारियों को बिक्री कर लाखों की आय हांसिल कर रहे हैं। 

साथ ही, तुम्बा को काटकर सुखाने और एकत्र कर बीज निकालने के काम के लिए सैकड़ों श्रमिकों को रोजगार भी मिल गया है।

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40 से 45 हजार रुपए क्विंटल बीज

  • तुंबे की कटाई करने के बाद सुखाने के उपरांत थ्रेसर मशीन से इसके बीज को निकाल लिया जाता है।
  • बीज की बात करें तो करीब एक क्विंटल तुंबे से करीब 4 से 5 किलोग्राम बीज निकलता है। 
  • तुंबा के बीज को भारत के कई बड़े शहरों के व्यापारी 40 से 45 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक्री करते हैं। 
  • तुंबा के बीज को बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां तैयार करने वाली कंपनी भी खरीदती हैं। 

तुंबा का उपयोग दवा बनाने में किया जाता है 

तुंबा उत्पादक क्षेत्र महाजन निवासी कालूराम स्वामी का कहना है, कि "तुंबा का छिलका पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ इंसानों की आयुर्वेदिक औषधियों में भी काम आता है। 

शुगर, पीलिया, कमर दर्द आदि रोगों की आयुर्वेद औषधियों में तुम्बे का उपयोग हो रहा है। गाय, भैंस, भेड़, बकरी, ऊंट आदि में होने वाले रोगों में तुंबे की औषधि लाभदायक है। तुंबे की मांग दिल्ली, अमृतसर, भीलवाडा आदि में है।"

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निष्कर्ष -

वर्तमान में तुंबा के फल की लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। क्योंकि, इसका बहुत सारी आयुर्वेदिक और देशी दवाइयों को तैयार करने में उपयोग किया जा रहा है। धयान रहे, चिकित्सक की सलाह के बिना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

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