काला चावल की खेती

By: tractorchoice
Published on: 17-Jan-2025
काला चावल की खेती

चावल भारत की प्रमुख नकदी फसल है। काफी ज्यादा पैमाने पर लोग अलग अलग तरह से चावल का सेवन करते हैं।

चावल का सेवन करने से लोगो को कई प्रकार के पोषक तत्व हांसिल होते हैं। चावल की एक और वेरायटी बाजार में उपलब्ध है, जिसको काला चावल भी कहते हैं। 

भारत के साथ-साथ संपूर्ण विश्व में अपनी सुगंध और स्वाद के लिए प्रसिद्ध काला नमक चावल भारत के कई राज्यों में उगाया जा रहा है। 

काला चावल की मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत यानी ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और मणिपुर में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है।

काले चावल की खेती के लिए मिट्टी 

  1. काले चावल की खेती के लिए दोमट, गाद और चिकनी मिट्टी भी अनुकूल रहती है।  
  2. धान की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये काली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। 
  3. काली मिट्टी के अंदर पोषक तत्व और खनिज काफी मात्रा में उपलब्ध होते हैं, जो धान की खेती के लिये बेहद जरूरी है। 
  4. काले चावल की खेती के लिए काली मिट्टी में पानी धारण करने की अच्छी क्षमता होती है।  
  5. काली मिट्टी को काली कपास मिट्टी भी कहा जाता है। 

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भूमि की तैयारी 

  1. काले चावल की बुवाई करने से पहले खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए। इसके बाद 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर के जरिए करनी चाहिए। 
  2. बारिश का पानी अधिक समय तक खेत में रखने के लिए खेत में मजबूत मेढ़बंदी होनी चाहिए। 
  3. काले चावल की बिचड़ा ( धान के पौधों की रोपाई से पहले तैयार किया जाने वाला बीज होता है )। 
  4. नर्सरी में बिचड़ा तैयार हो जाने के बाद रोपाई के लिए खेत की जुताई करनी होती है।

काले चावल की किस्में 

ब्लैक जैपोनिका चावल

  1. चावल की ब्लैक जैपोनिका किस्म अनाज वाले चावल और बिहार में उगाए जाने वाले महोगनी चावल के संयोजन से विकसित की गई है। 
  2. ब्लैक जैपोनिका चावल हल्का मीठा और कुछ मिट्टी जैसे स्वाद में होता है। 
  3. ब्लैक जैपोनिका चावल की एक एकड़ में 8-10 क्विंटल तक उपज देता है।  
  4. भारतीय मंडियों में इसकी कीमत 400 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है। 

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काला चिपचिपा चावल

  1. अपनी चिपचिपी बनावट की वजह से इसे काला चिपचिपा चावल भी कहा जाता है। 
  2. काला चिपचिपा चावल स्वाद में मीठा होता है। 
  3. भारत के बहुत सारे राज्यों में इसका प्रयोग मीठे व्यंजनों को निर्मित करने के लिए में किया जाता है। 
  4. काला चिपचिपा चावल किस्म की प्रति एकड़ पैदावार 9-10 क्विंटल तक होती है।  
  5. बाजार में इसकी कीमत 400 से 800 रुपये तक होती है। 

इटालियन काला चावल

  1. इटालियन काला चावल किस्म चीनी काले चावल और इतालवी चावल को मिला कर विकसित की गई है। 
  2. इटालियन काला चावल किस्म का स्वाद मक्खन की तरह होता है।  
  3. इटालियन काला चावल प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल तक उपज देती है। 
  4. भारतीय बाजार में यह 200 रुपये से 500 रुपये प्रति किलोग्राम तक बेची जाती है। 

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थाई ब्लैक जैस्मीन चावल

  1. थाई ब्लैक जैस्मीन चावल की किस्म को चीनी चावल और चमेली काले चावल से तैयार किया गया है। 
  2. थाई ब्लैक जैस्मीन चावल की सबसे ख़ास बात यह है, कि यह पकने के बाद फूलों जैसी सुगंध देता है। 
  3. बाजार में यह 250 से 500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। 

काले चावल की बुवाई 

काले चावल की बुवाई के लिए मई का महीना सबसे अच्छा माना जाता है।

  1. सबसे पहले नर्सरी तैयार की जाती है 
  2. नर्सरी को तैयार होने में एक महीना के आसपास समय लगता है। 
  3. नर्सरी तैयार होने के बाद खेत में पौधों की रोपाई की जाती है। 
  4. सामान्य चावलों के मुकाबले में काले चावल की खेती में अधिक वक्त लगता है। 
  5. काले चावल की फसल 5 से 6 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। 
  6. काले चावल के पौधे लगभग 6 फीट तक लंबे होते हैं। 
  7. एक बीघा जमीन में करीब तीन किलो तक बीज लगाया जा सकता है। 

काला चावल में खरपतवार नियंत्रण 

  1. खरपतवार मिट्टी के पोषक तत्वों, नमी और धूप को प्रभावित करके चावल की उत्पादकता (उपज) को कम कर देते हैं। 
  2. खरपतवार वाले खेतों में खाद डालने के बावजूद भी पैदावार नहीं बढ़ती है। 
  3. खरपतवार चावल के पौधों के मुकाबले पोषक तत्वों को अधिक ग्रहण करते हैं। 
  4. काले चावल की खेती में खरपतवार काफी हानिकारक होते हैं। 
  5. खरपतवार चावल के कीड़ों और रोगों को आमंत्रित कर सकते हैं और चूहों के लिए जगह प्रदान करते हैं।

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 काला चावल की कटाई 

  1. काला चावल तकरीबन 5 महीने की समयावधि में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। 
  2. काला चावल की कटाई कृषक स्वयं भी कर सकते हैं। 
  3. कम समय में ज्यादा भूमि पर उगे चावल को काटने के लिए कंबाइन हार्वेस्टर जैसे आधुनिक यंत्रों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।  
  4. काले चावल की कटाई करने के बाद किसान अपने नजदीक किसी भी मंडी में इसकी बिक्री कर सकते हैं। 

निष्कर्ष

काला चावल एक बेहद स्वास्थ्य वर्धक अनाज है। काले चावल में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होने की वजह से इसकी बाजार में काफी ज्यादा मांग होती है। 

ऐसे में किसान इसका उत्पादन करके अच्छा स्वास्थ्य और बेहतरीन आमदनी अर्जित कर सकते हैं।

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