आज भारत में धान की खेती करने वाले भूमिपुत्र किसान को बहुत सारी चुनौतियों और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ पानी की दिक्कत है, तो दूसरी तरफ खेती की बढ़ती लागत है।
नतीजतन, धान की खेती करने वाले कृषकों को अपेक्षित मुनाफा प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसलिए खेती के लिए आधुनिक तकनीकों, उपकरणों तथा वैज्ञानिक तौर-तरीकों को अपनाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। गौरतलब है, कि आज कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण का महत्त्व काफी बढ़ता ही जा रहा है।
इसके बावजूद भारत में अधिकांश किसान धान या दूसरी फसलों की खेती के लिए परंपरागत कृषि यंत्रों और उपकरणों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें परिश्रम, समय और लागत काफी ज्यादा लगती है।
वहीं, अपेक्षित उपज भी हांसिल नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में यदि आधुनिक कृषि यंत्रों, उपकरणों और पद्धितियों को स्वीकार करके धान या दूसरी फसलों की खेती की जाए तो खर्चा कम करके उपज को बढ़ाया जा सकता है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है, कि आज भारत विश्व का सबसे बड़ा ट्रैक्टर उत्पादक देश है। इसके बावजूद खेती के लिए भारत में ट्रैक्टर और बड़ी मशीनों का इस्तेमाल सीमित है।
समय के परिवर्तन के चलते आज खेती में यांत्रिकीकरण एवं मशीनीकरण अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों का कहना है, कि खेती में मशीनीकरण के इस्तेमाल से खेती की लागत में 25 से 30 प्रतिशत गिरावट आ सकती है।
वहीं, मशीनीकरण के उचित इस्तेमाल से बीज, खाद एवं उर्वरक के खर्च में 15 से 20 प्रतिशत तक बचत की जा सकती है। अब ऐसी स्थिति में कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्रों और उपकरणों के इस्तेमाल से खेती करनी चाहिए।
आज आधुनिक कृषि यंत्रों और उपकरणों के बिना खेती की बिल्कुल कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थिति में कृषकों को ज्यादा से ज्यादा कृषि यंत्रों और उपकरणों का इस्तेमाल करके खेती करनी चाहिए।
दरअसल, बीते कुछ वर्षों में खेती के लिए श्रमिक संसाधन और मजदूरों की तादात काफी घट गई है। इसलिए वर्तमान में पारंपरिक खेती काफी महंगी होती जा रही है।
ऐसे में किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों और उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग करके लाभ कमाना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों का भी यही मानना हैं, कि कृषि यांत्रिकीकरण और मशीनीकरण के जरिये ही किसानों के श्रम, समय और पैसों की बचत करके उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाया जा सकता है।
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खेती-किसानी के अंदर आज आधुनिक तकनीकों ने अपना स्वराज्य स्थापित कर लिया है। जानकारी के लिए बतादें, कि आज कृषि के लिए रोबोट, ड्रोन, मोबाइल, कस्टमाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आदि का इस्तेमाल खेती हेतु किया जाने लगा है।
यही कारण है, कि कृषि वैज्ञानिक आज खेत की जुताई, बुआई, कटाई आदि में काम आने वाले छोटे-छोटे कृषि यंत्रों, उपकरणों और मशीनों को किसानों को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं।
आज पॉवर हैरो, कल्टीवेटर, रोटावेटर, डिस्क हल, लेजर लेवलर, लीजर, सीड ड्रील, धान ट्रांसप्लांटर, सब्जी ट्रांसप्लांटर, मिनी टिलर, पॉवर टिलर, पोस्ट हार्वेस्ट उपकरण हैं, जिन्होंने खेती-किसानी को सुगम बना दिया है।