किसान भाइयों आज ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में हम गोबर के खाद से होने वाले लाभ और हानि के विषय पर बात करेंगे।
दरअसल, बढ़ती महंगाई और गिरती खाद्य गुणवत्ता की वजह से किसान अब पुनः गोबर की खाद की तरफ रुख कर रहे हैं। लेकिन, गोबर की खाद का खेत में सही तरीके से उपयोग करना भी बेहद जरूरी है।
किसान गोबर की खाद का इस्तेमाल कर कम लागत में काफी शानदार उपज और गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त कर सकते हैं।
आइये हम जानेंगे कि गोबर की खाद से किसान और खेती को क्या फायदे और नुकसान होते हैं।
कृषक साथियों, गोबर की खाद का फसलों में उपयोग करने से पौधों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिल जाते हैं। गोबर खाद को इस कारण से पूर्ण खाद के नाम से भी जाना जाता है।
खेतों में गोबर की खाद का असर 2 से 3 वर्ष के समयावधि तक बना रहता है। खेतों में गोबर की खाद का इस्तेमाल करने के परिणामस्वरूप जमीन की जल धारण क्षमता काफी हद तक बढ़ जाती है।
गोबर की खाद से जमीन में वायु का संचार भी काफी बेहतर होता है।
जमीन का ताप सुव्यवस्थित रखने में गोबर की खाद की अहम भूमिका होती है । गोबर की खाद की वजह से मृदा में स्थिरता बनी रहती है, जिससे मृदा कटाव की स्थिति कम उत्पन्न होती है।
गोबर की खाद से जमीन की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा में सकारात्मक सुधार होता है।
गोबर की खाद से खेतों में लाभकारी जीवाणुओं की तादात काफी बढ़ती है। इसके इस्तेमाल से भारी किस्म की मृदाओं की संरचना में भी सुधार होता है।
गोबर की खाद का इस्तेमाल करने से पौधों की जड़ों का शानदार विकास होता है। जमीन के कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में बढ़ोतरी होती है।
जीवाणुओं द्वारा जमीन में वायुमंडल की नाइट्रोजन का काफी अधिक मात्रा में स्थरीकरण होता है। फास्फोरस एवं पोटाश सरल यौगिक में आकर पौधों को आसानी से प्राप्त होने लगते हैं।
पौधों के संतुलित विकास में गोबर की खाद का काफी महत्व होता है। गोबर की खाद हर तरह की जमीन में समस्त फसलों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।
गोबर की खाद का अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल करने पर भी फसलों को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचती है। गोबर की खाद का इस्तेमाल करने से फसलीय उपज में बढ़ोतरी होती है।
इससे किसान की आमदनी में भी काफी हद तक बढ़ोतरी होती है। गोबर की खाद में ऊसर जमीनों का भी सुधार करने की क्षमता होती है।
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कृषक साथियों, कच्ची गोबर की खाद से खेती में काफी नुकसान होने की संभावना होती है। खेत के अंदर कभी भी सीधे गोबर नहीं डालना चाहिए, क्योंकि इससे फसल को काफी ज्यादा हानि होती है।
गोबर डालने से खेत में कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है, इससे खेत में कीड़े लग सकते हैं। गोबर में मीथेन गैस पाई जाती है जो की पौधों के लिए बहुत नुकसानदायक साबित होती है।
आपको गोबर का इस्तेमाल करने से पहले इसको खाद के रूप में तैयार करना बहुत जरूरी है। जिसके लिए आपको गोबर को अच्छे से सड़ा करके इसको ठंडा करना होगा तभी इससे मीथेन गैस निकल पाएगी।
आपको इस गोबर को 15 दिन तक किसी ठंडी छाव वाले स्थान पर पानी डालकर रखना होगा। इसके बाद गोबर खाद में बदलना प्रारंभ होगा। इसके बाद गोबर से तैयार की गई खाद फसलों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।