आधुनिकता के बढ़ते वर्तमान में कृषि संबंधित समस्त छोटे बड़े कार्यों के लिए कृषि यंत्रों का प्रचलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
कृषि यंत्रों व मशीनों के इस्तेमाल से कम परिश्रम के साथ साथ कम समय में ही खेती और बागवानी का कार्य किया जा सकता है। इसके फलस्वरूप किसान की लागत कम आती है और इससे किसान को काफी फायदा होता है।
Mini Rotavator, रोटावेटर का ही छोटा स्वरुप है। ये भी रोटावेटर की भांति ही कार्य करता है। मिनी रोटावेटर की विशेष बात यह है, कि वजन में काफी हल्के और आकार में छोटे होने की वजह से इन्हें कहीं भी आसानी से लाया और ले जाया जा सकता है।
रोटावेटर की मदद से खेती से जुड़े विभिन्न तरह के छोटे-मोटे कार्यों को सुगमता से किया जा सकता है। इस मशीन से किसान खेत की जुताई से लेकर कटाई तक का कार्य सहजता से कर सकते हैं।
भारत में मिनी रोटावेटर का ज्यादातर इस्तेमाल सब्जी वाली फसलों, बागवानी फसलों और गन्ने की फसलों में किया जाता है।
रोटावेटर भी कई तरह के आते हैं। अलग-अलग कंपनी अपने द्वारा निर्मित रोटावेटरों में अलग-अलग फीचर्स और सुविधाएं जोड़ती है। यदि ब्लेड के आधार पर देखा जाए तो भारत में तीन प्रकार के रोटावेटर आते हैं।
इसमें जे टाइप ब्लेड, सी टाइप ब्लेड और एल टाइप ब्लेड रोटावेटर शामिल हैं। इसमें एल टाइप ब्लेड रोटावेटर अधिक प्रचलन में हैं। इसके अलावा बाजार में दो प्रकार के रोटावेटर आते हैं।
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रोटावेटर की मदद से किसान हर तरह की मिट्टी की जुताई की जा सकती है। किसान एक रोटावेटर की मदद से गन्ना, कपास, केला और ज्वार आदि के लिए भूमि की तैयारी की जा सकती है।
रोटावेटर मृदा को शीघ्रता से तैयार कर देता है और उसमें नमी को बरकरार बनाए रखता है, जिससे फसल में उसका भरपूर उपयोग होता है। रोटावेटर के इस्तेमाल से करीब 15 से 35 प्रतिशत तक ईंधन की बचत की जा सकती है।
रोटावेटर शुष्क और गीले क्षेत्रों में भी सहजता और कुशलता से कार्य कर सकता है। रोटावेटर का इस्तेमाल कर किसान 125 मिमी -1500 मिमी की गहराई तक की मिट्टी की जुताई कर सकते हैं।
इस मशीन की मदद से बीजों की बुवाई कम वक्त में की जा सकती है। अन्य यंत्रों की तुलना में इस रोटावेटर से जुताई करने में समय कम लगता है। इसका उपयोग खेत में पिछली फसलों के अवशेषों को हटाने में भी किया जाता है।