बकरी पालन से जुड़ी जानकारी सफल बकरी पालक राजेंद्र की जुबानी

By: tractorchoice
Published on: 14-Jan-2025
बकरी पालन से जुड़ी जानकारी सफल बकरी पालक राजेंद्र की जुबानी

कृषि क्षेत्र में आए नवीन परिवर्तनों के चलते वर्तमान में बकरी पालन कृषकों के लिए एक बेहतरीन आमदनी देने वाला व्यवसाय बन चुका है। 

इसको पारंपरिक व्यवसाय के तौर पर देखा जाता है, परंतु जब इसको अच्छे तरीके से किया जाए, तो यह शानदार मुनाफे वाला काम सिद्ध हो सकता है। 

राजेंद्र कुमार, जो कि राजस्थान के बालोतरा जनपद में पशुधन निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, उनका यह अनुभव काफी ज्यादा प्रेरणादायक है। 

उन्होंने बकरी पालन व्यवसाय को अपनी अन्य आमदनी का बेहतरीन स्रोत बना लिया है और अब वह इसके फायदे और महत्त्व को भली-भाँति समझते हैं।

राजेंद्र कुमार के बकरी पालन का सफर  

सफल बकरी पालक राजेंद्र कुमार ने अपने बकरी पालन के सफर के बारे में बताते हुए कहा, कि हमेशा से उनके परिवारी जन बकरी पालन करते आए हैं, लेकिन 7-8 साल पहले उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर इसे व्यावसायिक स्तर पर प्रारंभ किया। 

2017 में जब उन्होंने पशुधन निरीक्षक के रूप में सरकारी नौकरी शुरू की, तब उन्होंने महसूस किया कि बकरी पालन एक अच्छा और लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। 

इसके बाद उन्होंने और उनकी पत्नी रेखा ने मिलकर ‘थार गोट फार्म’ की स्थापना की, और बकरी पालन को एक व्यवासिक रूप में अपनाया और सफलता हांसिल की है।

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बकरी पालन के लिए नस्ल के चयन की क्या भूमिका है ? 

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बकरी पालन के अंतर्गत बकरी का पालन करने के लिए नस्ल का चयन करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। 

राजेंद्र कुमार के मुताबिक, किसानों को अपनी क्षेत्रीय नस्ल के आधार पर बकरी का चुनाव करना चाहिए। 

राजेंद्र कुमार के क्षेत्र में सोजत और मारवाड़ी नस्ल की बकरियां सबसे अनुकूल मानी जाती हैं। इन नस्लों की बकरियां इस वातावरण में बड़ी सुगमता से घुल-मिल जाती हैं और इनकी बढ़त भी काफी अच्छी होती हैं। 

हालाँकि, बकरी की कई सारी नस्लें हैं, जैसे कि चम्बा, गद्दी, कश्मीरी, जमुनापरी, पश्मीना, बरबरी, बीटल, टोगनबर्ग, सिरोही, ब्लैक बंगाल, ओस्मानाबादी, करौली, सोजत, गूजरी, जखराना आदि नस्लें भी हैं। 

कृषकों के लिए बकरी पालन काफी शानदार और फायदेमंद व्यवसाय है। यदि कोई किसान 100 बकरियों से बकरी पालन प्रारंभ करता है, तो वह समस्त खर्चों के बावजूद बकरी पालन के कारोबार से मासिक 50,000 रुपये तक की आय अर्जित कर सकता है।

बकरी पालन के लिए कैसी जगह होनी चाहिए ?

बकरी पालन के लिए सही जगह का चुनाव करना काफी ज्यादा जरूरी होता है। बकरियों का शेड घर से काफी दूर होना चाहिए, जिससे यह वातावरण में शांति और स्वच्छता को बरकरार बनाए रखें। 

शेड का निर्माण पूरब से पश्चिम की दिशा में ही करना चाहिए, जिससे बकरियों को सूरज का प्रकाश सही तरीके से मिले और वहां उचित मात्रा में हवा का प्रवाह भी होना चाहिए। 

इसके अतिरिक्त, शेड की जगह गीली और कच्ची नहीं होनी चाहिए। क्योंकि, इससे बकरियों के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ सकता है। 

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बकरियों के लिए उचित आहार और स्वास्थ्य 

बकरियों की देखभाल के लिए कई बातों का खास ध्यान रखना आवश्यक होता है। सबसे पहले, बकरियों को अच्छा आहार देना चाहिए। 

अगर हरा चारा उपलब्ध नहीं हो, तो सूखा चारा (जैसे भूसा, चारा, आदि) दिया जा सकता है। 

साथ ही, बकरियों को उनके वजन के अनुसार मिनरल्स भी खिलाने चाहिए, जिससे उनकी सेहत सही बनी रहे। बकरियों के स्वास्थ्य के लिए नियमित टीकाकरण और कीड़ों से बचाव की भी जरूरत होती है। 

राजेंद्र कुमार के अनुसार, बकरियों को साल में 3 बार पेट के कीड़े से बचाव के लिए दवाइयां दी जानी चाहिए और 2 बार वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। 

बकरी पालन से कितना मुनाफा अर्जित होगा ?

बकरी पालन के प्रारंभ में काफी अच्छा निवेश करना पड़ता है, परंतु बकरी पालक को आहिस्ते-आहिस्ते लाभ मिलना शुरू हो जाता है। 

राजेंद्र कुमार के अनुसार, अगर कोई किसान 100 बकरियों से व्यवसाय की शुरुआत करना चाहता है, तो उसे करीब 25 लाख रुपये का प्रारंभिक निवेश करना पड़ सकता है। 

इसमें 10 लाख रुपये शेड के निर्माण के लिए, 10 लाख रुपये बकरे-बकरियों की खरीदारी के लिए और 5 लाख रुपये फीड, दवाइयां और लेबर की लागत में खर्च होते हैं। 

एक बकरी हर दो साल में औसतन 3 बार बच्चे पैदा करती है और हर बार औसतन दो बच्चे होते हैं। 

ये बच्चे तकरीबन एक वर्ष में बिक्री योग्य हो जाते हैं, जिससे किसान के लिए आमदनी का एक निरंतर स्रोत बनता है। इसके अलावा, बकरियों से दूध प्राप्त होता है, जो बाजार में काफी महंगा बिकता है।

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बकरी पालन के लिए सरकार की तरफ से क्या सहयोग मिलता है ? 

राजेंद्र कुमार ने बताया कि बकरी पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कृषकों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मदद प्रदान करती है। 

NLM योजना के अंतर्गत बकरी पालन करने के लिए कृषकों को अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है। 

इसके अनुरूप, 100 बकरियों पर 10 लाख रुपये, 200 बकरियों पर 20 लाख रुपये और 300 बकरियों पर 30 लाख रुपये तक का अनुदान सरकार प्रदान करती है। 

यह धनराशि किसानों को दो किस्तों में प्रदान की जाती है। पहली किस्त प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने पर मिलती है और दूसरी किस्त बकरियों की खरीद के उपरांत मिलती है। 

इसमें किसानों को किसी भी तरह की धनराशि पहले से जमा नहीं करनी होती है, जिससे यह योजना और भी अधिक आकर्षक बन जाती है। 

उन्होंने आगे बताया कि उनकी पत्नी रेखा ने भी NLM (National Livestock Mission) योजना के तहत, बकरी पालन करने के लिए सब्सिडी के लिए आवेदन किया है।a

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