केसर की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

By: tractorchoice
Published on: 11-Apr-2025
Saffron threads on a spoon with a close-up of blooming saffron flowers

केसर यानी सैफ्रॉन को इसकी खूबियों और कीमत की वजह से धरती को सोना कहा जाता है। अगर हम केसर की खेती के इलाकों की बात करें तो यह प्रमुख रूप से जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में उगाई जाती है। 

हालाँकि, आज के समय में कृषि वैज्ञानिकों के अथक प्रयास और खोज की वजह से मैदानी क्षेत्रों में भी केसर की खेती की जा रही है।

केसर विश्वभर में सर्वाधिक महंगा मसाला है। इसकी कीमत सोना और चांदी के समान कीमती है। बाजार में एक किलोग्राम केसर की कीमत 3,00,000 रुपये से भी अधिक है। 

केसर की खेती मुख्य रूप जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में की जाती है। लेकिन, कृषि वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और खोज से केसर की खेती अब मैदानी इलाकों में भी संभव हो सका है। हालांकि, इसके लिए तापमान को काबू करने की आवश्यकता होती है। 

केसर की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए ?

शबला सेवा संस्थान गोरखपुर के अध्यक्ष किरण यादव के अनुसार , केसर (Saffron) की खेती के लिए बंजर और दोमट मृदा सबसे अच्छी होती है। 

उनका कहना है, कि "केसर की खेती जहां करनी है, वह जलभराव का खेत नहीं होना चाहिए। केसर के खेत में जलभराव होने से कंद हरने लगता है और पौधे सूखने लगते हैं। 

केसर की खेती के लिए हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है। लेकिन, सिंचाई के दौरान जलभराव नहीं होना चाहिए। 

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केसर की खेती कब करें ?

केसर की फसल लगने का सही समय जुलाई से अगस्त है। लेकिन, मध्य जुलाई का समय सबसे अच्छा होता है। 

केसर की बिजाई 

  • केसर की खेती कंद के माध्यम से की जाती है। 
  • कंद को लगाने के लिए 6 या 7 सेंटीमीटर का गड्ढ़ा खोदें।  
  • कंद से कंद के बीच में लगभग 1 सेंटीमीटर का फासला रखना चाहिए। 
  • इससे पौध अच्छे से फलेगी फूलेगी और पराग भी अच्छी-खासी मात्रा में निकलेगा। 
  • कंद लगाने के बाद 15 दिन में हल्की तीन सिंचाई की जरूरत होती है। 
  • यह 3 से 4 महीने की फसल है। धूप कम से कम 8 घंटा चाहिए। 
  • अधिक ठंड में यह पौधा सूख जाता है इसकी खेती में सड़ा गोबर का खाद उपयुक्त होता है। 
  • औषधीय गुण में कोई कमी नहीं होती है।  

केसर की कटाई व उपज  

किसान साथियों, अगर हम आपसे केसर की उपज के बारे में बात करें तो एक हेक्टेयर में 1.5 किलोग्राम से 2 किलोग्राम तक सूखे फूल मिलते हैं, जो केसर कहलाता है। 

पौधा अक्टूबर माह में फूलना चालू कर देता है। केसर के फूल सुबह में खिलते हैं और दिन बढ़ने ही मुरझाने लग जाते हैं। केसर की कटाई के बारे में अधिक विशिष्ट होने के लिए, केसर के फूलों को सूर्योदय से सुबह 10 बजे के बीच तोड़ना चाहिए।

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केसर की कीमत सोना-चांदी की तरह होती है 

किरण यादव का कहना है कि "केसर की खेती में एक हेक्टेयर में लगभग 1,80,000 रुपये की लागत आती है। दूसरे वर्ष किसान को खेती में मजदूरी की लागत लगती है, क्योंकि रोपाई के लिए कंद होता है। 

एक बार रोपाई करने के बाद किसान दूसरे साल भी केसर के फसल की उपज ले सकते हैं। कश्मीरी केसर की कीमत 3 से 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है।" 

निष्कर्ष - 

केसर का उत्पादन कर किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। केसर के अंदर विघमान बेहतरीन गुणों की वजह से बाजार में इसकी मांग और कीमत दोनों ही अच्छी रहती हैं।  

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