जानें गंगातीरी गाय की नस्ल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

By: tractorchoice
Published on: 16-Apr-2024
जानें गंगातीरी गाय की नस्ल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

गंगातीरी गाय की इस नस्ल को शाहाबादी या पूर्वी हरियाणा के नाम से भी जाना जाता है। गाय की यह नस्ल मुख्यत उत्तर प्रदेश और बिहार में पायी जाती है। 

गंगातीरी गाय की यह नस्ल दोहरे मंतव वाली है। गाय की मुख्यत: यह नस्ले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, गाजीपुर, बलियां जिले, वाराणसी और बिहार के भोजपुर जिलों में पायी जाती है। 

इस गाय के दूध देने की क्षमता काफी अच्छी होती है। प्रति ब्यांत में यह गाय 900 से 1200 लीटर दूध देती है। इस नस्ल की गाय काफी दुधारूं होती  है। 

लेकिन फिर भी इस गाय की नस्लों की संख्या काफी कम देखने को मिलती है। गंगातीरी गाय की इस नस्ल की गाय भूरे और सफ़ेद रंग की होती है। गाय का माथा उभरा हुआ और सीधा होता है। गाय की पलके, खुर और पूंछ आम तौर पर काली होती है। 

इस गाय के दोनों सींघ छोटे, नुकीले और दोनों ओर फैले हुए होते है। इस नस्ल की गाय के कान नीचे की ओर झुके हुए होते है। पूंछ लम्बी और काली होती है। 

इस गाय की औसत ऊंचाई लगभग 124 सेंटीमीटर होती है। इसके अलावा गाय का वजन लगभग  235-250  किलो होता है। 

गंगातीरी गाय की क्या खासियत है ?

गंगातीरी गाय दोहरे उद्देश्य वाली गाय है। आमतौर पर यह गाय प्रतिदिन 8 से 16 लीटर दूध देती है। इस गाय के दूध में फैट 4.9 प्रतिशत होता है। 

ये भी देखें: दूध की मशीन के नाम से जानी जाती है इस नस्ल की भैंस

इस नस्ल की गाय को जरुरत के हिसाब से ही खुराक दी जाती है। पशु को अफरा या बदहजमी जैसी कोई दिक्कत न हो इसीलिए पशु को फलीदार चारे के साथ तुड़ी आदि मिलाकर खिलाना चाहिए। 

गंगातीरी गाय की कीमत 

आमतौर पर गाय की कीमत उसकी दूध देने की क्षमता, उम्र और नस्ल के आधार पर तय की जाती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में इस गाय के कीमत 40 हजार से लेकर 60 हजार तक है। वही अलग अलग राज्यों में इस गाय की नस्ल की कीमत अलग देखने को मिल सकती है। 

गाय की देख रेख 

पशु को भारी बारिश, तेज धूप, बर्फबारी और ठण्ड से बचाने के लिए शैड होनी चाहिए। ध्यान रहे शैड में स्वच्छ हवा और पानी की भी व्यवस्था होनी जरूरी है। पशु को चारा खिलाने के लिए खुली और बड़ी जगह होना जरूरी है ताकि पशु आराम से चारा खा सके। 

गंगातीरी गाय को होने वाली बीमारियां और रोग 

पाचन से सम्बंधित बीमारियां: तेजाबी बदहजमी, कब्ज, अफारे, सादी बदहजमी, मरोड़ और पीलिया आदि.

रोग:  सिक्के का जहर, डायरिया, पैरों का गलना, तिल्ली का रोग (एंथ्रैक्स), अनीमिया, एनाप्लाज़मोसिस, मुंह खुर रोग, रिंडरपैस्ट (शीतला माता),  ब्लैक क्वार्टर, निमोनिया और दाद आदि। 

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