भारत एक कृषि समृद्ध देश होने की वजह से कई औषधीय पेड़ों का भी उत्पादन करता है, जो कि हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं।
ये ना सिर्फ पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहयोगी हैं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य की देखभाल करने में भी काफी अहम भूमिका निभाते हैं। इसकी मुख्य वजह इन पेड़ों में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व होते हैं।
ऐसा ही एक पेड़ अशोक का पेड़ है, जो अपने पौष्टिक तत्वों की वजह से कई बीमारियों का इलाज करने की क्षमता रखता है। ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम अशोक के पेड़ से जुड़ी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे।
जानकारी के लिए बतादें, कि औषधीय लाभों से परिपूर्ण अशोक का पेड़ 25 से 30 फिट तक ऊंचा होता है। इसका तना भूरे रंग का होता है और पत्तियां 9 इंच लम्बी गोल व नोंकदार होती हैं।
इस पेड़ का वैज्ञानिक नाम सरका इंडिका है जो लेगुमिनोसे परिवार और कोसलपिनिया उपपरिवार का हिस्सा है। यह पेड़ पूरे भारत में पाया जाता है।
हिन्दू धर्म के अनुसार भी इस पेड़ का बहुत महत्व है। इसके पीछे की वजह इसका नाम है, दरअसल, अशोक शब्द का संस्कृत संस्कृत में 'अशोक' शब्द का अर्थ है 'कोई शोक नहीं' से इसे शोक को हरने वाला पेड़ माना जाता है।
लोगों का मानना है कि यह पेड़ जिस जगह पर भी उगता है, वहाँ पर सभी कार्य पूर्णतः निर्बाध रूप से सम्पन्न होते चले जाते हैं।
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पहला घरों की सजावट में उपयोग होने वाला और दूसरा आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है।
असली अशोक के वृक्ष को लैटिन भाषा में 'जोनेसिया अशोका' कहते हैं। आम के पेड़ की तरह ही इसका पेड़ भी छायादार होता है।
असली अशोक के पेड़ की पत्तियों की लम्बाई 8 से 9 इंच होती है, जबकि इसकी चौड़ाई दो से ढाई इंच होती है। इसके पत्तों का रंग शुरुआत में ताम्बे की तरह होता है, इसलिए इसे ताम्रपल्लव भी कहा जाता है।
वसंत ऋतु में इसमें नारंगी रंग के फूल होते हैं, जो बाद में सुनहरे लाल रंग के हो जाते हैं, इसी वजह से इन्हे हेमपुष्पा नाम से भी जाना जाता है।
नकली अशोक के पेड़ और असली अशोक के पेड़ में कई अंतर हैं। इसके पत्ते आम के पत्तों की तरह होते हैं। इसके फूल सफ़ेद, पीले रंग के और फल लाल रंग के होते हैं। यह देवदार जाति का पेड़ होता है। हालांकि इस पेड़ में औषधीय गुण नहीं पाए जाते हैं।
अशोक के पेड़ में विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्व विघमान होते हैं, जो हमारी विभिन्न रोगों से सुरक्षा करने में मददगार होते हैं। अशोक के पेड़ में भरपूर मात्रा में टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं, जो पूरी तरह से गर्भाशय टॉनिक के रूप में कार्य करते हैं।
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अशोक के पेड़ की जड़ें और बीज मुँहासे, सोरायसिस और जिल्द की सूजन सहित त्वचा की स्थिति का इलाज करते हैं। इसमें कार्बन और आयरन के कार्बोनिक यौगिक भी होते हैं जबकि पेड़ की छाल में केटोस्टेरॉल होता है।
प्रश्न: अशोक के पेड़ में मुख्य रूप से कौन-से पोषक तत्व पाए जाते हैं ?
उत्तर: अशोक के पेड़ में मुख्य रूप से टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं।
प्रश्न: असली अशोक के वृक्ष को लैटिन भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर: असली अशोक के वृक्ष को लैटिन भाषा में 'जोनेसिया अशोका' कहते हैं।
प्रश्न: अशोक के पेड़ को दूसरे किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर: अशोक के पेड़ को हेमपुष्पा नाम से भी जाना जाता है।