भारत एक कृषि प्रधान देश होने की वजह से यहां की लगभग 75% प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है।
ऐसे में समय के साथ-साथ खेती के तरीकों में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अच्छी खासी तादात में देश के किसान खेती में एरोपोनिक विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं,
जिससे वह हवा में ही आलू की खेती कर पा रहे हैं और दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं।
कृषि करने की एक ऐसी विधि जिसके द्वारा उत्पादन करने पर मृदा की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
एरोपोनिक फार्मिंग भी एक ऐसी ही खेती की तकनीक है, जिसमें मिट्टी या जमीन की जरूरत नहीं होती। इस विधि में पौधों की जड़ें हवा में लटकती रहती हैं
और उन पर पोषक तत्वों का छिड़काव किया जाता है। पौधों के ऊपरी भाग को खुली हवा और रोशनी मिलती रहती है।
जानकारी के लिए बतादें, कि एरोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करके घर की छत पर भी खेती की जा सकती है।
एरोपोनिक विधि से आलू उगाने में लगभग 70 से 80 दिन का समय लग जाता है।
इस तकनीक से कम जगह और कम लागत में अच्छी उपज हांसिल की जा सकती है, जिससे किसानों को आमदनी बढ़ाने में सहयोग मिलता है।
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किसान भाई सबसे पहले आलू की अच्छी और उन्नत किस्म का चयन करें, ताकि बेहतर फसल प्राप्त हो सके। आलू के पौधों को पहले नर्सरी में तैयार करें।
नर्सरी में इन पौधों को अंकुरित और मजबूत होने के लिए थोड़े समय के लिए रखा जाता है। तैयार पौधों की जड़ों को बावस्टीन जैसे फंगस-रोधी घोल में डुबोएं, ताकि जड़ें फंगस से सुरक्षित रहें।
एक ऊंचा बेड तैयार करें जिसमें बाद में पौधों को लगाया जा सके। यह बेड पौधों की जड़ों को हवा में लटकने के लिए तैयार किया जाता है।
पौधों को बेड में लगाएं, ताकि जड़ें हवा में रहें और पौधों के ऊपरी हिस्से को अच्छी रोशनी मिले।
लगभग 10-15 दिन बाद पौधों को एरोपोनिक यूनिट में स्थानांतरित करें। इस यूनिट में पौधों की जड़ों पर पोषक तत्वों का छिड़काव किया जाएगा।
पौधों की नियमित रूप से देखभाल करें और जड़ों पर पोषक तत्वों का स्प्रे करते रहें। इससे पौधों को पर्याप्त पोषण मिलता रहेगा।
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भारत में एरोपोनिक फार्मिंग किसानों के बीच काफी तीव्रता से लोकप्रिय हो रही है, इस विधि से आलू की खेती करके किसान पारंपरिक विधि के मुकाबले 10 गुना अधिक उपज हांसिल कर रहे हैं।
इस विधि के साथ खेती करने पर किसान कम समय में अच्छी-खासी आय कर रहे हैं। इस तकनीक से किसान अपने घर की छत पर आलू की खेती कर सकते हैं।
इस तकनीक से खेती करने के लिए नर्सरी में आलू के पौधे को तैयार किया जाता है और इन पौधों की रोपाई एरोपोनिक यूनिट में की जाती है।