मई माह में किए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य

By: tractorchoice
Published on: 22-Apr-2025
Farming stages with seeds, tractor, watermelon, and crops

भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत के अलग अलग राज्यों में अलग अलग फसलों का उत्पादन किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं अलग अलग महीनों के हिसाब से कृषि कार्य भी किए जाते हैं। 

मई के महीने को वैशाख-ज्येष्ठ के नाम से भी जाना जाता है। मई माह में खरीफ की फसलों की बुवाई का सबसे अच्छा वक्त होता है। 

मई माह के प्रमुख कृषि कार्य क्या हैं ?

मई माह के निम्नलिखित कृषि कार्य इस प्रकार हैं:-

  • मई माह में रबी फसलों की गहाई और सफाई की जाती है।
  • मक्का, ज्वार, लोबिया आदि की बुवाई शुरू हो जाती है।
  • खेतों की जुताई करते हैं - मेड़ों को बाँध देते हैं।
  • गन्ने की फसल में 90-92 दिन के अंदर सिंचाई करते हैं।
  • मक्का, ज्वार, संकर नेपियर घास की फसलों की सिंचाई 10-12 दिन के समयांतराल पर करते हैं।
  • मई महीने में केला और पपीता फलों को पत्तियों व बोरियों से ढक कर तेज धूप से बचाया जाता है।
  • कद्दू जैसी फसलों में निदाई, गुड़ाई और सिंचाई का कार्य किया जाता है।
  • कद्दू, तरबूज, ककड़ी, खरबूजा को कीट रोग से बचाते हैं। जो फल तैयार हैं, उनको तोड़ लेते हैं।
  • किसान आम के पेड़ों की देखरेख सही ढ़ंग से करते हैं।
  • अरबी, अदरक, हल्दी की बिजाई की जाती है। 
  • सागौन, खम्हार, बीजा, महुआ, शीशम इत्यादि पौधों की बीज बिजाई का समय है। 
  • बीजों की बिजाई के पश्चात रोज सुबह-शाम हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

कृषि में ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें

फसलीय सुरक्षा 

बीजापचार में 1 कि.ग्रा. बीज के लिए 2-3 ग्राम दवाई लगती है तथा 1 एकड़  में सिर्फ 10-17 रूपये तक का खर्चा है। सही दवाई व ढंग से किए गये बीजोपचार से फसल पर बीमारी नहीं लगेगी और दवाईयां छिडकने पर लागत खर्च नहीं करनी पडेगी। 

अगर 2-3 दवाईयों से एक साथ बीजोपचार करना हो तो बीज पर सबसे पहले कीटनाशक, फिर बीमारी नाशक तथा सबसे बाद जैव-खाद का उपचार करें। 

इससे सेहत व पौष्टिक फसल के साथ-साथ धनराशि की काफी बचत होती है। यह फसल सुरक्षा का बेहद सुरक्षित व सफल तरीका है, इसको जरूर अपनाएं।

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विश्वसनीय कृषि साधनों का उपयोग 

किसान साथियों, उच्च श्रेणी के कृषि आदान जैसे रोगरोधक बीज, शुद्ध खाद व दवाईयां, कृषि यंत्र, जैव-खाद, सिंचाई जल, ऋण तथा कृषि संबंधी जानकारी के लिए सिर्फ प्रमाणित स्त्रोतों से लेने से ही आपको बगैर किसी दिक्कत के भरपूर व लाभदायक उपज मिल सकती है। 

किसी घटिया स्त्रोत से ये आठों कृषि आदान बेहद सस्ते व सहजता से तो मिल सकते हैं। लेकिन, इसमें मिलावट की भी शिकायत हो सकती है, जिससे फसल को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

जैव-खादों का उपयोग 

उर्वरकों के साथ-साथ जैव-खादों का उपयोग कर दालों, मूंगफली, सोयाबीन, बरसीम जैसी फसलों की खेती करने मेंं खर्च कम होता है। 

राइजोवियम जैव-खाद जो, कि हर फसल के लिए अलग होता है। 10-20 रूपये की लागत से प्रति एकड़ एक बोरा यूरिया की बचत होती है। 

अन्य फसलें जैसे मक्का, कपास, सब्जियाँ, चारा में एजोटोवैक्टर, गन्ने में एसीटोवैक्टर, तथा धान में एजास्पीरीलियम का प्रयोग करें। ये जैव खाद हवा से नत्रजन खींचकर मुफ्त में फसल की आवश्यकताओं को पूर्ण करते हैं।

निष्कर्ष - 

किसान साथियों, ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हमने आपको मई माह में किए जाने वाले कुछ प्रमुख कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान की है। 

आशा है, आपको इस लेख के माध्यम से मई माह में किए जाने वाले आवश्यक कृषि कार्यों के बारे में मिली जानकारी फायदेमंद साबित होगी।   

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