किसान भाइयों आज हम ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में बारहमासी जड़ी-बूटी की श्रेणी के अंतर्गत आने वाले ऑरिगेनो की खेती के बारे जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
जानकारी के लिए बतादें, कि ऑरिगेनो का वैज्ञानिक नाम ओरिजिनम वल्गारे है। प्रोटीन, फैट, फाइबर के साथ-साथ विभिन्न मिनरल्स से युक्त ऑरिगेनो के कई सारे स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
दरअसल, ऑरिगेनो के पौधे की जड़ें अधिक गहराई तक नहीं जाने की वजह से आप इसका उत्पादन कम गहराई वाले गमले में भी काफी आसानी से कर सकते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्रों और बीज भंडार की दुकानों पर विभिन्न प्रकार के उन्नत किस्म के ऑरिगेनो के बीज उपलब्ध हैं।
अगर हम ऑरिगेनो के फसलीय विकास की बात करें तो इसके बीज की बुवाई के बाद लगभग 3 महीने के समयांतराल पर यह कटाई के लिए तैयार हो जाता है।
जानकारी के लिए बतादें कि गर्म वातावरण में ऑरिगेनो के बीजों का अंकुरण काफी ज्यादा अच्छा होता है। इस वक्त बुवाई के तकरीबन 7 से 14 दिन में बीज अंकुरित हो जाते हैं।
जानकारी के लिए बतादें, कि ऑरिगेनो को बिजाई बीज अथवा कटिंग दोनों ही विधियों के जरिए से की जा सकती है।
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ऑरिगेनो का पौधा अम्लीय से तटस्थ व पोषक तत्वों से युक्त रेतीली मृदा में अच्छी तरह से उग जाता है।
ऑरिगेनो की उन्नत खेती के लिए मृदा का पीएच मान 6.5 से 7 के मध्य होना चाहिए। इसके साथ साथ जमीन में समुचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिये।
गमले की मृदा को अधिक उपजाऊ और पोषणयुक्त बनाने हेतु आप इसमें जैविक खाद जैसे पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट इत्यादि का मिश्रण कर सकते हैं।
अगर पौधे लगाने के लिए मिट्टी की उपलब्धता का अभाव है, तो आप पोटिंग मिश्रण का भी उपयोग कर सकते हैं।
ऑरिगेनो को किचन गार्डन अथवा गमले की मृदा में बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है। ऑरिगेनो की सफल उपज लेने के लिए गर्म जलवायु की जरूरत पड़ती है।
अगर आप अपने घर में ऑरिगेनो की खेती करना चाहते हैं, तो इसको वर्ष के किसी भी महीने में लगाया जा सकता है।
वहीं, यदि आप इसका उत्पादन बाहर बगीचे में करते हैं, तो गर्मी के प्रारंभ में आप ऑरिगेनो की बुवाई कर सकते हैं।
ऑरिगेनो का उत्पादन करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पौधे को प्रति दिन तकरीबन 6-8 घंटे धूप मिल जाए।
वहीं अगर आप ऑरिगेनो को घर के अंदर उगाना चाहते हैं, तो आप इसे खिड़की के आस पास रख सकते हैं, जहां पौधे को अच्छी धूप मिल सके।