कृषक साथियों, जैसा कि आप सब जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान और कृषि समृद्ध देश है।
यहाँ की ज्यादातर आबादी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। अब ऐसे में पूसा कृषि विज्ञान मेला कृषकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस भव्य पूसा कृषि विज्ञान मेला का इस वर्ष आयोजन फरवरी 24-26, 2025 के दौरान संस्थान के मेला ग्राउंड में बड़ी भव्यता से किया जा रहा है।
जानकारी के लिए बतादें, कि इस वर्ष आयोजित होने वाले इस मेले का प्रमुख विषय “उन्नत कृषि – विकसित भारत” है।
हर साल पूसा कृषि विज्ञान मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से 1 लाख से भी ज्यादा किसान, उद्यमी, राज्यों के अधिकारीगण, छात्र एवं अन्य उपयोक्ता बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
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पूसा कृषि विज्ञान मेले के प्रमुख आकर्षण में फसलों की जीवंत प्रदर्शन, फूलों और सब्जियों की संरक्षित खेती, गमलों में खेती, ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) खेती, मिट्टी एवं पानी की जाँच, कट-फ्लावर, विदेशी सब्जियों, उन्नत किस्म के फलों, कृषि प्रकाशनों के लिए स्टॉल आमंत्रित हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा कृषकों के नवाचारों को महत्ता देता है तथा व्यावहारिक कृषि प्रौद्योगिकियों एवं तकनीकों को विकसित और प्रसारित करने वाले प्रतिभावान कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष पूसा कृषि विज्ञान मेले में लगभग 25-30 उन्नतशील किसानों को उनके नवाचार सृजन और प्रसार में उत्कृष्ट योगदान के लिए भाकृअनुसं-नवोन्मेषी किसान और भाकृअनुसं-अध्येता किसान पुरस्कारों से सम्मानित करता है।
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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान वर्ष 2025 के भाकृअनुसं-नवोन्मेषी किसान और भाकृअनुसं-अध्येता किसान पुरस्कारों के लिए योग्य नवोन्मेषी कृषकों के आवेदन आमंत्रित करता है, जिन्हें फरवरी 24-26, 2025 के दौरान आयोजित होने वाले पूसा कृषि विज्ञान मेले में प्रदत्त किया जाएगा।