किसान हर मौसम में बिना रुके और बिना थके अपने फसल की देखभाल और सुरक्षा करता है। आखिर करे भी तो क्यों नहीं फसल अगर अच्छी होगी तभी किसान की आजीविका के लिए अच्छी आमदनी अर्जित होगी।
विशेषज्ञों का कहना है, कि कोहरे से जहां गेहूं की फसल को लाभ मिलता है, वहीं बाकी फसलों को क्षति भी पहुँचती है।
वर्तमान में कभी बारिश तो कभी कोहरे का कहर मचा हुआ है। हालाँकि, इसकी वजह से फसलों पर अच्छा असर भी पड़ा है।
लेकिन, कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, कम समय के लिए होने वाला कोहरा तो फसल को लाभ पहुंचाता है। लेकिन, जब ज्यादा दिनों तक रहे, तो उससे फसल को काफी हानि हो सकती है।
आज कल हर तरफ कोहरे ने कोहराम मचा रखा है। हर जगह कोहरे ने अपनी दस्तक दे रखी है। वर्तमान में तो इतना घना कोहरा देखने को मिल रहा है की थोड़ी सी दूरी पर भी अँधेरे का माहौल है।
कोहरे की वजह से आम जनमानस का जीवन भी काफी प्रभावित हुआ है। साथ ही, पशुओं पर भी इसका साफ़ तौर पर असर देखने को मिला है।
सिर्फ इतना ही नहीं फसलें भी इसकी चपेट से दूर नहीं हैं। फ़िलहाल, रबी सीजन चल रहा है। रबी सीजन में उगाई जाने वाली फसलें खेतो में लहलहा रही हैं।
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अगर हम रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बात करें, तो इसको कोहरे से काफी लाभ होता है।
गेहूं की फसल में काफी ज्यादा फुटाव होता है। लेकिन, दूसरी फसलें जैसे सरसों और सब्जियों को हानि होती है।
हालाँकि, जानकारों के अनुसार कोहरा यदि और लम्बे समय तक बना रहा तो निश्चित रूप से गेहूं को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, ज्यादा दिन तक कोहरा की स्थिति होने की वजह से फसलों की आंतरिक क्रियाएं ठंडी पड़ जाती हैं।
इससे फसलों के आंतरिक प्रणाली काम करना बंद कर देती है, जिससे फसल के सूखने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
सरसों, धनिया, मेथी, लहसुन आदि को ज्यादा दिन तक रहने वाला कोहरा प्रभावित करता है। इससे फसलों पर चेपा कीट और रतुआ रोग का संकट बढ़ता है।
कोहरा अधिक दिनों तक रहने से मटर में सफेद चूर्ण रोग और आलू में झुलसा रोग लगने की संभावना होती है। कोहरे का और भी बहुत सारे नुकसान हैं।
ज्यादा कोहरा होने की स्थिति में मधुमक्खियां फसलों तक नहीं पहुंच पाती हैं। उनको फसल दिखायी नहीं पड़ने के चलते सरसों, मटर और सिगरी जैसी फसलों पर परागण नहीं हो पाता, जिसकी वजह से फसलों में दाने काफी कम बनते हैं।
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कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, कोहरे का सबसे ज्यादा प्रकाश संश्लेषण पर असर करता है।
फसलें मिट्टी से पोषक तत्व और पानी ग्रहण करती हैं, जो तने और पत्तियों तक पहुँच जाते हैं।
जब कोहरा नहीं होता या कम होता है तो धूप की सहायता से यही फसल कार्बन डाईऑक्साइड लेकर अपने अंदर कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन और विटामिन बनाती हैं।
यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण के नाम से जानी जाती है। परंतु, ज्यादा दिनों तक कोहरा हो तो फसलों में यह क्रिया काफी प्रभावित होती है और पौधे पीले, कमजोर और रोगग्रसित हो जाते हैं। आखिरकार फसलों के मरने का खतरे की संभावना बढ़ जाती है।