भारतीय कृषकों के लिए दहलनी फसल आमदनी बढ़ाने का उत्तम विकल्प सिद्ध हो सकती है। यदि आप भी दलहनी फसल से काफी शानदार उपज हांसिल कर अपनी कमाई को बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको दलहनी फसलों के लिए उन्नत कटाई यंत्रों का इस्तेमाल करना चाहिए।
हालाँकि, सुनिश्चित बाजारों की कमी की वजह से किसान दलहनों के विविधीकरण एवं यांत्रिकीकरण तकनीकों को अपनाने में रुचि नहीं लेते हैं।
परंतु, वर्तमान में सरकार ने दलहन और तिलहन फसलों के लिए न्यूनतम सुनिश्चित बाजार मूल्य में बढ़ोतरी जैसे बहुत सारे कदम उठाए हैं। किसानों द्वारा दलहनों को प्रोत्साहन देने और अपनाने में अन्य मुख्य बाधा विभिन्न कृषि कार्यों के मशीनीकरण की कमी है।
आधुनिक कृषि में दलहनों की कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टिंग तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। परंपरागत रूप से धान, मक्का, गेहूं, सूरजमुखी, दालें एवं अन्य फसलों की कटाई और मड़ाई में इस्तेमाल होने वाले इस यंत्र को दलहनों के लिए खास रूप से अनुकूलित किया गया है।
बतादें, कि इस अनुकूलन में कंबाइन हार्वेस्टर में एकल ड्रम और अक्षीय प्रवाह प्रणाली का समन्वित इस्तेमाल किया जाता है। यह संयोजन फसल के संवेदनशील स्वभाव को केंद्र में रखते हुए तैयार किया गया है।
मशीन के अंदर फसल के प्रवेश के दौरान, खास ढ़ंग से तैयार किए गए अवतल (कॉनकेव) का उपयोग किया जाता है। जैसे-जैसे फसल मशीन के क्रॉस सेक्शन से गुजरती है, अवतल की निकासी क्रमशः कम होती जाती है।
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इस प्रक्रिया के दौरान, एक विशेष गद्दीदार क्रिया (कुशनिंग इफेक्ट) उत्पन्न होती है। यह क्रिया दलहनों के कोमल दानों को हानि से बचाती है, जिससे अनाज का नुकसान कम से कम होता है और थ्रेसिंग दक्षता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होती है।
इसके अतिरिक्त, कंबाइन में उच्च-तकनीक सेंसर और माइक्रोप्रोसेसर भी लगे होते हैं, जो फसल की स्थिति के मुताबिक मशीन के विभिन्न पैरामीटर को स्वचालित रूप से समायोजित करते हैं, जिससे अधिकतम उत्पादकता और न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित होता है।
आधुनिक रीपर-विंडरोवर एक उच्च-तकनीक कृषि यंत्र है, जिसमें क्रॉप रो डिवाइडर, स्टार व्हील, कटर बार और लग्ड कैनवास कन्वेयर बेल्ट जैसे प्रमुख घटक शामिल हैं।
यह मशीन फसलों को काटती है और उन्हें ऊर्ध्वाधर रूप से एक छोर तक ले जाती है, जहां से वे एक समान विंडरो में गिरती हैं, जिससे बंडल बनाने के लिए फसल को एकत्र करना आसान हो जाता है।
इसके तीन प्रकार उपलब्ध हैं - स्व-चालित चलने वाले, स्व-चालित सवारी, और ट्रैक्टर पर लगे हुए। यह मशीन मुख्य रूप से गेहूं और चावल जैसी अनाज की फसलों के लिए उपयुक्त है, जिसकी क्षेत्र क्षमता 0.20-0.40 हेक्टेयर प्रति घंटा तक हो सकती है।
इसमें GPS नेविगेशन, वेरिएबल स्पीड हाइड्रोस्टैटिक ड्राइव, और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी उन्नत विशेषताएँ भी शम्मिलित हो सकती हैं, जो इसे पारंपरिक मैनुअल कटाई की अपेक्षा में 5-6 गुना ज्यादा उत्पादक बनाती हैं, जिससे यह मध्यम से बड़े आकार के खेतों के लिए एक अत्यंत प्रभावी यंत्रीकरण समाधान बन जाता है।