एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड के कृषि मशीनरी व्यवसाय ने सितंबर 2025 में अपनी अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री दर्ज की, जिसमें कुल 18,267 ट्रैक्टर बिके। यह सितंबर 2024 में बिके 12,380 ट्रैक्टरों की तुलना में 47.6% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है।
इस मजबूत प्रदर्शन का श्रेय अनुकूल ग्रामीण परिस्थितियों, अच्छी तरह से वितरित मानसूनी वर्षा, बेहतर जलाशय स्तर और त्योहारी सीज़न की शुरुआत को दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ट्रैक्टरों और कृषि मशीनरी पर हाल ही में जीएसटी दर में कटौती ने बाजार की धारणा को और मज़बूत किया है। कंपनी को शेष वर्ष के लिए मज़बूत माँग की उम्मीद है।
दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के दौरान, एस्कॉर्ट्स कुबोटा की कुल बिक्री 33,877 ट्रैक्टरों तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 30.3% की वृद्धि दर्शाती है। घरेलू बिक्री 32,329 इकाई रही, जबकि निर्यात बिक्री 26.2% बढ़कर 1,548 इकाई रही।
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वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में, एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने 64,458 ट्रैक्टर बेचे, जो वित्त वर्ष 2025 की इसी अवधि में बेचे गए 56,365 ट्रैक्टरों की तुलना में 14.4% अधिक है। घरेलू बिक्री में 12.9% की स्थिर वृद्धि देखी गई, जबकि निर्यात बिक्री 50% बढ़कर 3,281 इकाई हो गई।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (फार्मट्रैक ट्रैक्टर, पावरट्रैक ट्रैक्टर और कुबोटा ट्रैक्टर) ट्रैक्टर बाजार में सकारात्मक गति देख रहा है, घरेलू और निर्यात दोनों बिक्री अच्छा प्रदर्शन कर रही है। कंपनी मजबूत कृषि परिस्थितियों और अनुकूल ग्रामीण बाजार परिवेश के कारण वित्त वर्ष 2026 की शेष अवधि के लिए निरंतर वृद्धि को लेकर आशावादी बनी हुई है।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड के कृषि मशीनरी व्यवसाय ने अगस्त 2025 में 8,456 ट्रैक्टरों की बिक्री दर्ज की, जो अगस्त 2024 में बेची गई 6,652 इकाइयों की तुलना में 27.1% की वृद्धि को दर्शाता है। एस्कॉर्ट्स कुबोटा की घरेलू बाजार में बिक्री 7,902 इकाई रही, जो पिछले वर्ष इसी महीने में बेचे गए 6,243 ट्रैक्टरों से 26.6% अधिक है।
कंपनी ने इस मजबूत प्रदर्शन का श्रेय समय पर और व्यापक मानसूनी बारिश, जलाशयों के स्वस्थ स्तर और त्योहारों के मौसम की शुरुआत को दिया। खरीफ की बुवाई पिछले वर्ष के रकबे को पार कर चुकी है, जिससे ग्रामीण मांग को और बढ़ावा मिला है। इसके अतिरिक्त, ट्रैक्टरों और कृषि मशीनरी पर जीएसटी दर में संभावित कटौती की उम्मीद से आने वाले महीनों में बिक्री में तेजी आने की संभावना है।
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एस्कॉर्ट्स कुबोटा ट्रैक्टर बिक्री रिपोर्ट अगस्त 2025 में एस्कॉर्ट्स कुबोटा के लिए निर्यात बिक्री विकास का एक मज़बूत स्तंभ बना रहा। कंपनी ने इस महीने 554 ट्रैक्टरों का निर्यात किया, जो अगस्त 2024 में 409 इकाइयों की तुलना में 35.5% फीसदी इजाफा दर्शाता है।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (फार्मट्रैक ट्रैक्टर, पावरट्रैक ट्रैक्टर और कुबोटा ट्रैक्टर) ने 46,191 ट्रैक्टर बेचे अप्रैल-अगस्त 2025 तक, पिछले वर्ष की 43,985 इकाइयों की तुलना में 5% की वृद्धि हुई। इस बीच, घरेलू बिक्री 2.8% बढ़कर 43,374 इकाई हो गई। इसके अलावा, निर्यात 57.1% बढ़कर 2,817 इकाई हो गया, जो मज़बूत अंतर्राष्ट्रीय माँग को दर्शाता है।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (ईकेएल) भारत की अग्रणी इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक है, जिसे विनिर्माण क्षेत्र में 80 से अधिक वर्षों का अनुभव है। "समृद्धि फैलाना और जीवन को प्रभावित करना" के अपने मिशन के तहत, ईकेएल ने कृषि और निर्माण क्षेत्र में अपने कार्यों के माध्यम से भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया है।
कंपनी मुख्य रूप से दो प्रभागों के माध्यम से कार्य करती है: कृषि मशीनरी और निर्माण उपकरण। ईकेएल ग्राहकों और शेयरधारकों दोनों को मूल्य प्रदान करने के लिए इंजीनियरिंग उत्कृष्टता, नवीन उत्पादों, बाजार-संबंधित तकनीकों और लागत दक्षता पर ध्यान केंद्रित करती है।
प्रश्न : एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने ट्रैक्टर बिक्री में कितना इजाफा किया है ?
उत्तर : सितंबर 2025 में अपनी अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री दर्ज की, जिसमें कुल 18,267 ट्रैक्टर बिके। यह सितंबर 2024 में बिके 12,380 ट्रैक्टरों की तुलना में 47.6% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है।
प्रश्न : एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने निर्यात बिक्री में कितना इजाफा दर्ज किया है ?
उत्तर : एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने इस महीने 554 ट्रैक्टरों का निर्यात किया, जो अगस्त 2024 में 409 इकाइयों की तुलना में 35.5% फीसदी इजाफा दर्शाता है।
प्रश्न : एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने सितंबर 2025 की घरेलू व निर्यात बिक्री में कितनी वृद्धि की है ?
उत्तर : एस्कॉर्ट्स कुबोटा की घरेलू बिक्री 32,329 इकाई रही, जबकि निर्यात बिक्री 26.2% फीसद बढ़कर 1,548 इकाई रही है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) ने एक बार फिर से सिद्ध कर दिया है, कि वह देश में कृषि रिसर्च और इनोवेशन में अव्वल है। विश्वविद्यालय में विकसित गेहूं की दो प्रमुख किस्में PBW 872 और PBW 833 ने राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल स्थान दर्ज किया है, जिससे न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ी है, बल्कि किसानों के बीच इसका विश्वास भी और ज्यादा मजबूत हुआ है।
PBW 872 को North Western Plains Zone (NWPZ) की जल्दी बोई जाने वाली, उच्च इनपुट वाली परिस्थितियों में 2024-25 फसल सीजन के राष्ट्रीय गेहूं किस्म परीक्षणों में सबसे अधिक उत्पादन देने वाली किस्म घोषित किया गया है।
यह किस्म पहले भी इन परीक्षणों में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी है और साल 2022 में पूरे NWPZ क्षेत्र के लिए इसे आधिकारिक तौर पर जारी किया गया था। इस क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्से, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कठुआ, हिमाचल का ऊना और पांवटा घाटी, और उत्तराखंड का तराई क्षेत्र शामिल हैं।
PBW 872 किस्म पीली और भूरे रतुआ (rust) के प्रति मध्यम प्रतिरोध पाई गई है, जिससे रोगजनित नुकसान की आशंका कम हो जाती है। इसकी औसत परिपक्वता अवधि 152 दिन है और औसतन पौधे की ऊंचाई 100 सेमी रहती है, जिससे यह गिरने (lodging) की संभावना से भी बची रहती है।
PBW 872 किस्म के दाने बड़े और आकर्षक होते हैं, जिनका 1000 दानों का वजन औसतन 45 ग्राम रहता है, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलाने में मदद करता है। यह किस्म धान–गेहूं प्रणाली में बहुत उपयुक्त मानी जा रही है।
PBW 833 को North Eastern Plains Zone (NEPZ) में देर से बोई गई फसल की एडवांस्ड वैरायटी ट्रायल में सबसे ज्यादा 45.7 क्विंटल/हेक्टेयर उपज के साथ टॉप पर पाया गया। यह ट्रायल 13 अलग-अलग स्थानों पर किया गया था।
अन्य गेहूं की किस्में जैसे DBW 107 और HD 3118 ने क्रमशः 42.5 और 40.9 क्विंटल/हेक्टेयर उपज दी है। ऐसे में PBW 833 की अधिक उपज देने की क्षमता और स्पष्ट हो जाती है।
PBW 872 किस्म के बीज अब सभी PAU किसान मेलों में उपलब्ध रहेंगे और किसानों के लिए यह एक मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे। PAU की इन सफल किस्मों ने न केवल विश्वविद्यालय की रिसर्च क्षमता को प्रमाणित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सही तकनीक और प्रबंधन से किसान बेहतर लाभ कमा सकते हैं।
प्रश्न : किसान PBW 872 किस्म के बीज कहाँ से हांसिल कर सकते हैं ?
उत्तर : PBW 872 किस्म के बीज अब सभी PAU किसान मेलों में उपलब्ध रहेंगे और किसानों के लिए यह एक मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे।
प्रश्न : PBW 872 किस्म किन रोगों के लिए प्रतिरोधक मानी गई है ?
उत्तर : PBW 872 किस्म पीली और भूरे रतुआ (rust) के प्रति मध्यम प्रतिरोध पाई गई है, जिससे रोगजनित नुकसान की आशंका कम हो जाती है।
प्रश्न : गेंहू की PBW 833 किस्म कितनी उपज प्रदान करती है ?
उत्तर : PBW 833 को North Eastern Plains Zone (NEPZ) में देर से बोई गई फसल की एडवांस्ड वैरायटी ट्रायल में सबसे ज्यादा 45.7 क्विंटल/हेक्टेयर उपज के साथ टॉप पर पाया गया है।
त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों के लिए खुशखबरी सामने आई है। देश की अग्रणी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी सॉलिस यानमार (Solis Yanmar) ने किसानों के लिए एक शानदार ऑफर पेश किया है, जिसका नाम है “मल्टी स्पीड का मल्टी धमाल”। इस ऑफर के तहत किसानों को न सिर्फ ट्रैक्टर पर भारी बचत मिलेगी, बल्कि उन्हें 51 बंपर इनाम जीतने का मौका भी मिलेगा।
इस ऑफर में सॉलिस यानमार ट्रैक्टर खरीदने वाले किसानों को कीमत में सीधी छूट और जीएसटी दर में कमी का फायदा मिलेगा। अब ट्रैक्टर खरीद पर किसानों को 7% तक की जीएसटी छूट दी जा रही है, जिससे ट्रैक्टर की कीमत और पहले से कम हो जाएगी। इसके साथ ही कंपनी ने लकी ड्रा की घोषणा की है, जिसमें 51 शानदार इनाम रखे गए हैं।
पहला इनाम है एक टोयोटा कार, दूसरा इनाम तीन किसानों को मिलेगा जिसमें रॉयल इनफील्ड हंटर (350CC) बाइक दी जाएगी। तीसरे इनाम में 11 होंडा शाइन मोटरसाइकिल, चौथे इनाम में 15 लैपटॉप, और पांचवें इनाम में 21 वाशिंग मशीन शामिल हैं। इसके अलावा डीलरशिप ड्रा भी रखा गया है, जिसमें हर खरीद पर उपहार जीतने का अवसर मिलेगा।
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सॉलिस यानमार कंपनी ने खासतौर पर अपने दो लोकप्रिय मॉडल्स पर किसानों को डबल बचत का मौका दिया है।
राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों के किसानों को भी इस ऑफर का लाभ मिल रहा है। अलग-अलग राज्यों में कीमतों में हल्का फर्क जरूर है, लेकिन हर जगह कंपनी ने छूट और जीएसटी राहत का फायदा दिया है। इसका मतलब है कि चाहे आप किसी भी राज्य में रहते हों, आपको ट्रैक्टर पर डबल फायदा मिलेगा।
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यह ऑफर सीमित समय के लिए है और केवल त्योहारी सीजन तक ही मान्य रहेगा। किसानों के पास 31 अक्टूबर 2025 तक का समय है इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए। बुकिंग की प्रक्रिया बेहद सरल है। किसान अपने नजदीकी सॉलिस यानमार डीलर से संपर्क करके या कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट solis-yanmar.com/hi पर विजिट करके ट्रैक्टर बुक कर सकते हैं।
इस ऑफर के तहत रखा गया लकी ड्रा पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत आयोजित किया जाएगा। सभी किसान जिन्होंने ट्रैक्टर बुकिंग की है, वे अपने आप इस ड्रॉ में शामिल हो जाएंगे। इस तरह न केवल उन्हें ट्रैक्टर खरीद पर सीधी बचत मिलेगी बल्कि इनाम जीतने का सुनहरा मौका भी मिलेगा।
सॉलिस यानमार का यह ऑफर किसानों के लिए वाकई शानदार है। इसमें आधुनिक तकनीक वाला ट्रैक्टर, कीमत में भारी बचत, और लकी ड्रा में बंपर इनाम – तीनों फायदे एक साथ मिल रहे हैं। त्योहारों का यह मौसम सही समय है जब किसान अपने खेतों के लिए नया ट्रैक्टर खरीद सकते हैं और डबल फायदा उठा सकते
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राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों के किसानों को भी इस ऑफर का लाभ मिल रहा है। अलग-अलग राज्यों में कीमतों में हल्का फर्क जरूर है, लेकिन हर जगह कंपनी ने छूट और जीएसटी राहत का फायदा दिया है। इसका मतलब है कि चाहे आप किसी भी राज्य में रहते हों, आपको ट्रैक्टर पर डबल फायदा मिलेगा।
यह ऑफर सीमित समय के लिए है और केवल त्योहारी सीजन तक ही मान्य रहेगा। किसानों के पास 31 अक्टूबर 2025 तक का समय है इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए। बुकिंग की प्रक्रिया बेहद सरल है। किसान अपने नजदीकी सॉलिस यानमार डीलर से संपर्क करके या कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट solis-yanmar.com/hi पर विजिट करके ट्रैक्टर बुक कर सकते हैं।
इस ऑफर के तहत रखा गया लकी ड्रा पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत आयोजित किया जाएगा। सभी किसान जिन्होंने ट्रैक्टर बुकिंग की है, वे अपने आप इस ड्रॉ में शामिल हो जाएंगे। इस तरह न केवल उन्हें ट्रैक्टर खरीद पर सीधी बचत मिलेगी बल्कि इनाम जीतने का सुनहरा मौका भी मिलेगा।
सॉलिस यानमार का यह ऑफर किसानों के लिए वाकई शानदार है। इसमें आधुनिक तकनीक वाला ट्रैक्टर, कीमत में भारी बचत, और लकी ड्रा में बंपर इनाम – तीनों फायदे एक साथ मिल रहे हैं। त्योहारों का यह मौसम सही समय है जब किसान अपने खेतों के लिए नया ट्रैक्टर खरीद सकते हैं और डबल फायदा उठा सकते हैं।
प्रश्न : ऑफर का लाभ किन राज्यों के किसानों को मिलेगा ?
उत्तर : राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों के किसानों को भी इस ऑफर का लाभ मिल रहा है।
प्रश्न : सॉलिस यानमार ने किसानों को क्या ऑफर दिया है ?
उत्तर : सॉलिस यानमार का यह ऑफर किसानों के लिए वाकई शानदार है। इसमें आधुनिक तकनीक वाला ट्रैक्टर, कीमत में भारी बचत, और लकी ड्रा में बंपर इनाम – तीनों फायदे एक साथ मिल रहे हैं।
प्रश्न : सॉलिस यानमार का यह ऑफर किसानों के लिए कब तक जारी है ?
उत्तर : यह ऑफर सीमित समय के लिए है और केवल त्योहारी सीजन तक ही मान्य रहेगा। किसानों के पास 31 अक्टूबर 2025 तक का समय है इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना मोदी सरकार की एक बहुत ही लाभकारी योजना है, जिसके तहत किसानों को हर साल ₹6,000 रूपये मिलते हैं। यह पैसा साल में तीन बार, ₹2,000 की किस्त के रूप में किसानों के खातों में ट्रांसफर होता है।
लेकिन इस बार, सरकार ने साफ कर दिया है कि कुछ किसानों को 21वीं किस्त नहीं दी जाएगी। इसके पीछे कई वजहें हैं- जैसे कि ई-केवाईसी पूरी न होना, आधार लिंकिंग में दिक्कत, और फर्जी लाभार्थियों की पहचान। चलिए इस लेख में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
PM किसान योजना के तहत अब e-KYC अनिवार्य कर दी गई है। अगर आपने अब तक e-KYC नहीं करवाई है, तो आपकी किस्त रोक दी जाएगी। आप यह प्रक्रिया घर बैठे मोबाइल से भी कर सकते हैं।
अगर आपका बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक नहीं है, तो सरकार आपकी अगली किस्त रोक सकती है। योजना की राशि अब सीधे आधार के जरिए ही खातों में भेजी जाती है।
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कुछ मामलों में सरकार को यह पता चला है कि एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्य योजना का लाभ ले रहे हैं. यह नियम के खिलाफ है। अगर ऐसा मामला सामने आता है, तो किस्त रोक दी जाएगी और पहले की किस्त की वसूली भी हो सकती है.
ऐसे किसान जिन्होंने फर्जी दस्तावेज देकर योजना का लाभ लिया है या 1 फरवरी 2019 के बाद जमीन ली है और अब लाभ ले रहे हैं, उनकी भी जांच होगी। अगर गड़बड़ी पाई गई, तो किस्त नहीं दी जाएगी।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी 21वीं किस्त रुक न जाए, तो नीचे दिए गए जरूरी काम समय से कर लें:-
PM-KISAN पोर्टल पर जाएं, OTP के जरिए आधार से e-KYC करें या नजदीकी CSC सेंटर जाकर बायोमेट्रिक तरीके से e-KYC करा सकते हैं।
अपने बैंक में जाकर आधार कार्ड लिंक करवा लें। इसके बिना आपकी किस्त नहीं आएगी।
अगर जमीन के कागजों में कोई गड़बड़ी है, तो उसे सुधार लें. यह जांच फिजिकल वेरीफिकेशन से भी हो सकती है।
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सरकार की ओर से अभी तक 21वीं किस्त की तारीख घोषित नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह अक्टूबर 2025 में किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा सकती है। माना जा रहा है कि सरकार यह किस्त दिवाली से पहले जारी कर सकती है, ताकि किसानों को त्योहार पर राहत मिल सके।
अगर किसी किसान के दस्तावेजों या जानकारी में गड़बड़ी मिलती है, तो न सिर्फ उसकी किस्त रोक दी जाएगी, बल्कि सरकार पहली दी गई किस्तों की रकम की वसूली भी कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि सभी किसान समय से पहले अपने रिकॉर्ड जांचें और जो भी अपडेट करना हो, तुरंत करें।
सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि कुछ लोग किसानों को फर्जी मैसेज भेजकर धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में किसान सिर्फ सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें। किसी भी लिंक पर बिना सोचे समझे क्लिक न करें।
प्रश्न : पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत कितनी आर्थिक मदद मिलती है ?
उत्तर : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना मोदी सरकार की एक बहुत ही लाभकारी योजना है, जिसके तहत किसानों को हर साल ₹6,000 रूपये मिलते हैं।
प्रश्न : पीएम किसान सम्मान निधि के तहत कौनसे दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर : पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लाभ लेने के लिए आपको आधार कार्ड, बैंक खाता और भूमि रिकॉर्ड की अत्यंत जरूरत होती है।
प्रश्न : पीएम किसान की 21वीं क़िस्त कब तक किसानों के अकाउंट में आ सकती है ?
उत्तर : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह अक्टूबर 2025 में किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा सकती है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (M&M) के फार्म इक्विपमेंट बिजनेस (FEB), जो महिंद्रा समूह का एक प्रमुख हिस्सा है। इसने सितंबर 2025 में अपनी ट्रैक्टर बिक्री के आंकड़े घोषित किया है।
कंपनी ने इस महीने घरेलू बाजार में 64,946 यूनिट ट्रैक्टर बेचे हैं, जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या 43,201 यूनिट थी। यानी कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में 50% प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी हांसिल की है।
कुल बिक्री 66,111 यूनिट रही है। यह वृद्धि GST में कटौती, नवरात्रि की शुरुआती मांग, खरीफ सीजन और अच्छे मानसून की वजह से संभव हुई।
महिंद्रा कंपनी का कहना है, कि इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय कई कारणों को जाता है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण वजह है GST दरों में कमी, जिसने ग्राहकों के लिए ट्रैक्टर खरीदना और ज्यादा सुगम बना दिया है।
इसके अतिरिक्त, इस बार नवरात्रि का पर्व सितंबर महीने में पड़ा, जिससे त्योहारों की खरीदारी पहले ही शुरू हो गई, जबकि पिछले साल यह अक्टूबर में आया था। खरीफ सीजन की सकारात्मक संभावनाएं, बोए गए क्षेत्र में बढ़ोतरी और सामान्य से अधिक मानसून ने भी ट्रैक्टरों की बिक्री को मजबूती दी है।
सितंबर 2025 में महिंद्रा की कुल ट्रैक्टर बिक्री (घरेलू + निर्यात) 66,111 यूनिट रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 44,256 यूनिट से कहीं अधिक है। यह लगभग 49% प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। इस दौरान कंपनी का निर्यात प्रदर्शन भी बेहतर रहा और सितंबर महीने में 1,165 ट्रैक्टर यूनिट विदेशों में भेजे गए।
वीजय नाकरा, प्रेसिडेंट- फार्म इक्विपमेंट बिजनेस, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने बिक्री के आंकड़े साझा करते हुए कहा, “हमने सितंबर 2025 में घरेलू बाजार में 64,946 ट्रैक्टर बेचे हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 50% अधिक है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लिए गए GST दरों में कटौती के फैसले का प्रत्यक्ष प्रभाव हमारी बिक्री में देखा गया है। इसके अलावा, नवरात्रि का पर्व इस साल सितंबर में होने से उत्सवों की शुरुआती मांग भी बढ़ी।
किसानों का खरीफ सीजन को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण, बोए गए क्षेत्र में बढ़ोतरी और सामान्य से अधिक मानसून ने भी हमारे प्रदर्शन को गति दी।”
प्रश्न : महिंद्रा ने सितंबर 2025 में घरेलू बाजार में कितनी बिक्री दर्ज की है ?
उत्तर : महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने सितंबर 2025 में 64,946 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री दर्ज की, जो पिछले साल से 50% फीसद अधिक है।
प्रश्न : महिंद्रा की सितंबर 2025 में कुल बिक्री कितनी रही है ?
उत्तर : महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने सितंबर 2025 में कुल बिक्री 66,111 यूनिट रही है। यह वृद्धि GST में कटौती, नवरात्रि की शुरुआती मांग, खरीफ सीजन और अच्छे मानसून की वजह से संभव हुई।
प्रश्न : महिंद्रा की भारतीय कृषि क्षेत्र में क्या हिस्सेदारी है ?
उत्तर : महिंद्रा भारतीय कृषि क्षेत्र में सबसे बड़े और अग्रणी खिलाड़ियों में से एक है, जो कृषि मशीनरी और टिकाऊ खेती के लिए समाधान प्रदान करता है। यह 390 से अधिक ट्रैक्टर मॉडल के साथ 1,200 से अधिक डीलरों का एक मजबूत नेटवर्क है।
महिंद्रा भारत की सबसे बड़ी और लोकप्रिय ट्रैक्टर निर्माता और अग्रणी कृषि मशीनरी कंपनियों में से एक है। अब किसानों के लिए महिंद्रा ने AIROTEC Turbo 600 अल्फा लॉन्च किया है। यह एक हाई-परफॉर्मेंस, कॉम्पैक्ट और पावरफुल स्प्रेयर है, खासतौर पर बागवानी फसलों के लिए शानदार कृषि यंत्र है।
महाराष्ट्र के नासिक में बना यह अवॉर्ड-विनिंग स्प्रेयर, महिंद्रा की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी MITRA (Mahindra Innovative Technologies & Research for Agriculture) द्वारा विकसित किया गया है। यह उन्नत समाधान भारत के तेजी से बढ़ते बागवानी क्षेत्र में मशीनी स्प्रेइंग को नई दिशा देगा।
यह स्प्रेयर अंगूर और अनार जैसी फसलों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है। कॉम्पैक्ट आकार का यह ट्रैक्टर-ड्रिवन स्प्रेयर वास्तविक बाग की परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। इस स्प्रेयर में मजबूत 600-लीटर की टंकी, 75 LPM डायफ्राम पंप और 616 मिमी का हाई-परफॉर्मेंस फैन लगा है, जो 32 मी/सेकंड तक एयर आउटपुट देता है।
इससे पौधे पर समान रूप से दवा का छिड़काव होता है और पारंपरिक तरीकों से होने वाली असमान स्प्रे की समस्या दूर होती है। यह महिंद्रा और गैर-महिंद्रा दोनों ट्रैक्टरों के साथ संगत है। हल्के वजन की वजह से यह ट्रैक्टर का ईंधन भी बचाता है। इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और व्यावहारिक अनुभव के मेल से तैयार यह स्प्रेयर उन किसानों के लिए एक बेहतर निवेश है, जो फसल सुरक्षा में मशीनीकरण को अपनाना चाहते हैं।
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इस अवॉर्ड-विनिंग स्प्रेयर के लॉन्च पर बोलते हुए डॉ. अनुषा कोठांदरमन, वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड, फार्म मशीनरी एवं प्रिसीजन फार्मिंग - महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने कहा: “भारत में फसल सुरक्षा के मशीनीकरण में तेजी से वृद्धि हो रही है। हमें गर्व है, कि हम कॉम्पैक्ट डिजाइन, सटीक फीचर्स और आसान उपयोग वाला नया महिंद्रा AIROTEC Turbo 600 Alpha लॉन्च कर रहे हैं। यह स्प्रेयर फलों और फूलों की नाजुक फसलों की सुरक्षा कर बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करेगा। यह नई रेंज महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के प्रमुख बाजारों में महिंद्रा MITRA डीलरशिप्स पर उपलब्ध है।”
चाहे अंगूर के संकरे बागों में छिड़काव करना हो या अनार के बागों में नाज़ुक छिड़काव कवरेज प्रदान करना हो, सटीक छिड़काव मशीनें बीमारियों को रोकने, रसायनों के उपयोग को कम करने और समग्र फ़सल की गुणवत्ता में सुधार करने, कृषि उत्पादकता और समग्र उपज बढ़ाने के साथ-साथ समय और श्रम की बचत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
एयरोटेक टर्बो 600 अल्फा स्प्रेयर का उपयोग करने वाले किसानों ने रसायनों और श्रम में महत्वपूर्ण बचत, तेज़ छिड़काव चक्र और बेहतर फ़सल स्वास्थ्य की सूचना दी है।
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AIROTEC Turbo 600 Alpha स्प्रेयर में कई उन्नत सुविधाएँ दी गई हैं। इसमें 2-स्पीड और 1-न्यूट्रल गियरबॉक्स है, जिसकी मदद से किसान मौसम और फसल की ज़रूरत के हिसाब से फैन की स्पीड नियंत्रित कर सकते हैं। इसका लो-हाइट डिजाइन इसे कैनोपी और ट्रेलिस सिस्टम के नीचे सुरक्षित रूप से चलने योग्य बनाता है। कॉम्पैक्ट और केमिकल-रेसिस्टेंट टंकी इसकी लंबी उम्र और टिकाऊ उपयोग सुनिश्चित करती है, वहीं 3-एक्सिस टो बार इसे संकरी बेलियों के बीच आसानी से चलने में सक्षम बनाता है।
AIROTEC Turbo 600 Alpha में 12 टू-वे एडजस्टेबल पीतल की नोजल्स लगी हैं, जो दवा का सटीक और समान छिड़काव करती हैं और बर्बादी को कम करती हैं। 5-मोड कंट्रोलर की मदद से किसान दबाव, दिशा और कवरेज को आसानी से एडजस्ट कर सकते हैं। ब्रास एजीटेटर लगातार घोल को मिलाए रखता है, जिससे वह जमने नहीं पाता और समान रूप से फसल पर छिड़काव होता है। सुरक्षा के लिए इसमें प्रेशर रिलीफ वाल्व है, जो पंप और ऑपरेटर दोनों की रक्षा करता है। वहीं टायर मड स्क्रैपर यह सुनिश्चित करता है कि कीचड़ या असमान खेतों में भी संचालन सुचारु रहे।
उपरोक्त सभी खूबियों के साथ नया AIROTEC Turbo 600 Alpha किसानों को समय, लागत और श्रम की बचत करते हुए बेहतर फसल गुणवत्ता और ज्यादा पैदावार का विश्वास दिलाता है।
प्रश्न : महिंद्रा ने बागवानी फसलों के लिए कौन-सा स्प्रेयर लांच किया है ?
उत्तर : महिंद्रा ने बागवानी फसलों के लिए नया AIROTEC Turbo 600 Alpha स्प्रेयर लॉन्च किया है।
प्रश्न : महिंद्रा का यह AIROTEC Turbo 600 Alpha स्प्रेयर कौन सी फसलों के लिए उपयुक्त है ?
उत्तर : महिंद्रा का यह कॉम्पैक्ट, हाई-परफॉर्मेंस स्प्रेयर अंगूर और अनार जैसी फसलों के लिए उपयुक्त है।
प्रश्न : महिंद्रा के इस AIROTEC Turbo 600 Alpha स्प्रेयर की विशेषताएं क्या हैं ?
उत्तर : AIROTEC Turbo 600 Alpha स्प्रेयर में 600 लीटर टंकी, पावरफुल फैन, एडजस्टेबल नोजल्स और उन्नत कंट्रोल सिस्टम है, जो सटीक छिड़काव सुनिश्चित करता है।
केंद्र व राज्य सरकार की ओर से किसानों को ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए कृषि यंत्र अनुदान योजना, कृषि यांत्रिकरण योजना जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
इसी कड़ी में राज्य सरकार के राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड (CG State Seed & Agriculture Development Corporation Limited) द्वारा वित्तीय वर्ष 2025‑26 में चैम्प्स प्रणाली के अंतर्गत कृषि यांत्रिकीकरण सब मिशन (Agricultural Mechanization Submission) क्रियान्वयन किया जा रहा है।
कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए 9 अक्टूबर 2025 से ऑनलाइन आवेदन शुरू किए जाएंगे।
राज्य के जो किसान सब्सिडी पर ट्रैक्टर व कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं, वे इस योजना के तहत आवेदन करके सरकारी सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर कृषि यंत्रों की खरीद कर सकते हैं।
आइए जानते हैं, राज्य सरकार की इस योजना के तहत कौन से किसान हैं पात्र, और क्या है योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया।
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कृषि यंत्र अनुदान योजना 2025 के लिए पात्रता व मानदंड निर्धारित किए गए हैं, आवेदन करने से पहले इन्हें जान लेना चाहिए ताकि योजना का पूरा लाभ लिया जा सके। यह पात्रता व शर्तें इस प्रकार से हैं:
बतादें ऊपर दिए गए पात्रता व शर्तें सामान्य अनुमान और कुछ अन्य राज्यों के समान हैं। वास्तविक पात्रता मानदंड और दस्तावेजों की लिस्ट छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आवेदन जारी करते समय स्पष्ट किए जाएंगे।
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योजना में आवेदन करने के बाद विभाग की ओर से आपके आवेदन की समीक्षा की जाएगी। चयनित किसानों को कृषि यंत्र खरीदने की अनुमति दी जाएगी। कृषि यंत्र खरीदने के बाद बिल और रसीद जमा करनी होगी। इसके बाद सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
योजना में आवेदन के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। योजना में आवेदन के लिए ये आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार से हैं:-
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आवेदन शुरू होने की तारीख 9 अक्टूबर, 2025 से पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी संभव है कि CSC / जन सेवा केन्द्र (Common Service Centres) भी आवेदन सुविधा दें। आवेदन का लिंक और विस्तृत दिशा-निर्देश राज्य सरकार जल्द जारी करेगी। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं।
प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
प्रश्न : कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को क्या लाभ मिलेगा ?
उत्तर : कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
प्रश्न : कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ कौन-से किसान प्राप्त कर सकते हैं ?
उत्तर : कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता और भूमि दस्तावेज अनिवार्य हैं।
प्रश्न : कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन प्रक्रिया कब से शुरू होगी ?
उत्तर : कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन प्रक्रिया 9 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएगी।
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो–2025 में इस बार किसानों और कृषि विशेषज्ञों की निगाहें ‘भू परिक्षक’ (Bhu Parikshak) तकनीक पर सबसे ज़्यादा टिकी हैं।
यह स्मार्ट सॉयल टेस्टिंग मशीन दरअसल IIT कानपुर के छात्रों द्वारा विकसित की गई एक ऐसी स्मार्ट मशीन है, जो मात्र 90 सेकंड में मिट्टी की रिपोर्ट किसानों के हाथ में दे देती है और इसे खेती के क्षेत्र में गेमचेंजर माना जा रहा है।
आमतौर पर मिट्टी की जांच कराने में किसानों को कई दिन लग जाते हैं और खर्च भी अधिक आता है, लेकिन ‘भू परिक्षक’ से यह काम सिर्फ कुछ ही सेकंड में पूरा हो जाता है।
अब तक किसानों को अपनी मिट्टी की जांच कराने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या लैब का रुख करना पड़ता था। वहां से रिपोर्ट आने में 80 से 100 दिन तक लग जाते थे।
रिपोर्ट की देरी के कारण कई बार किसान समय पर उर्वरक का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते थे, जिससे पैदावार प्रभावित होती थी। लेकिन ‘भू परिक्षक’ ने यह समस्या खत्म कर दी है। सिर्फ 10 ग्राम मिट्टी डालकर बटन दबाइए और 1.5 मिनट में पूरी रिपोर्ट तैयार हो जाती है।
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‘भू परिक्षक’ का सबसे बड़ा फायदा इसकी पोर्टेबिलिटी है। मशीन का वजन केवल 350 ग्राम है, यानी किसान इसे आसानी से जेब या छोटे बैग में रखकर खेत तक ले जा सकते हैं। इसमें एक छोटा सा सांचा दिया गया है, जिसमें किसान केवल 10 ग्राम मिट्टी डालते हैं। मशीन को ऑन करते ही यह 90 सेकंड में रिपोर्ट दे देती है।
यह मशीन मिट्टी के नमूने का विश्लेषण कर उसमें मौजूद 6 प्रमुख पोषक तत्व- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, ऑर्गेनिक कार्बन, जिंक और सल्फर की पूरी जानकारी देती है। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया जाता है कि प्रति एकड़ कितनी मात्रा में कौन-सा उर्वरक डालना चाहिए। इससे किसान ज़रूरत से ज़्यादा या कम खाद डालने से बच जाते हैं।
यह सॉयल टेस्टिंग मशीन IIT कानपुर के छात्रों द्वारा बनाई गई है। इसे Skalek नामक एक क्लाइमेट-स्मार्ट टेक्नोलॉजी स्टार्टअप ने विकसित किया है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके फाउंडर रजत वर्धन और उनकी टीम का कहना है, कि इस तकनीक का मकसद किसानों को सटीक, तेज़ और सस्ती मिट्टी जांच की सुविधा देना है, ताकि खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके।
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फिलहाल यह मशीन सीधे बाजार में किसानों के लिए उपलब्ध नहीं है। इसे चुनिंदा सेंटर्स और गांवों में प्रयोग के तौर पर रखा गया है। टीम का कहना है, कि आने वाले समय में इसे ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाएगा, यानी हर किसान अपने ही गांव या ब्लॉक में जाकर मिट्टी की जांच करा सकेगा।
स्मार्ट सॉयल टेस्टिंग मशीन तकनीक का फायदा अब तक 20 राज्यों के 150 गांवों के करीब 60 हज़ार किसान उठा चुके हैं। किसानों का कहना है, कि समय पर रिपोर्ट मिलने से उन्होंने उर्वरकों के खर्च में कमी देखी है और पैदावार में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
प्रश्न : स्मार्ट सॉयल टेस्टिंग मशीन को किसने विकसित किया है ?
उत्तर : ‘भू परिक्षक’ एक स्मार्ट सॉयल टेस्टिंग मशीन है, जिसे IIT कानपुर के छात्रों ने विकसित किया गया है।
प्रश्न : यह सॉयल टेस्टिंग मशीन कितने समय में रिपोर्ट प्रदान कर देती है ?
उत्तर : यह मशीन सिर्फ 90 सेकंड में मिट्टी की जांच कर छह प्रमुख पोषक तत्वों की रिपोर्ट देती है।
प्रश्न : सॉयल टेस्टिंग मशीन से किसानों को क्या फायदा होगा ?
उत्तर : सॉयल टेस्टिंग मशीन की वजह से किसानों को समय और पैसे की बचत के साथ उर्वरकों का सटीक उपयोग भी संभव हो पाता है।
भारत सरकार लगातार किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आती रहती है ताकि खेती को आधुनिक और आसान बनाया जा सके।
कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन इन्हीं योजनाओं में से एक है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को खेती के लिए आवश्यक और आधुनिक मशीनें सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना है।
खास बात यह है, कि इस योजना में महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा और इस स्कीम का बजट 1,000 करोड़ से ज्यादा है और इस योजना के तहत महिलाएं 4.5 लाख रुपये तक का ट्रैक्टर सिर्फ 2.25 लाख रुपये में खरीद सकती हैं।
SMAM स्कीम की शुरुआत केंद्र सरकार ने साल 2014-15 में की थी। इसका मकसद खेती-किसानी को आधुनिक मशीनों से जोड़ना और किसानों की मेहनत कम करना है। साथ ही, इस योजना के तहत ट्रैक्टर, पावर टिलर, सीड ड्रिल, हैरो, रीपर, और अन्य कृषि उपकरण किसानों को सब्सिडी पर दिए जाते हैं।
छोटे और सीमांत किसान, विशेषकर महिलाएं, इसका सबसे बड़ा लाभ उठा सकते हैं। 2025 के लिए इस योजना का बजट 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रखा गया है। केंद्र सरकार इस योजना में 90% फंड देती है और राज्य सरकारें 10% हिस्सा जोड़ती हैं।
SMAM योजना में महिलाओं को पुरुष किसानों के मुकाबले में ज्यादा अनुदान दिया जाता है। वहीं सामान्य किसानों के लिए मशीन की लागत पर 40% सब्सिडी अधिकतम 2 लाख रुपये तक है।
इसके अलावा महिला किसान, SC/ST, छोटे व सीमांत किसान मशीन की लागत पर 50% सब्सिडी अधिकतम 2.5 लाख रुपये तक है। इसका मतलब है कि महिलाएं खेती की मशीनें पुरुष किसानों की तुलना में और भी सस्ते दामों पर खरीद सकती हैं।
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मान लीजिए एक महिला किसान 4.5 लाख रुपये का ट्रैक्टर खरीदना चाहती है. तो उस पर सब्सिडी का हिसाब कुछ ऐसा होगा-
अगर ट्रैक्टर की कीमत 4,50,000 तो 50% सब्सिडी में 2,25,000 का भुगतान करना होगा यानी महिला किसान को सिर्फ आधा पैसा देना होगा, बाकी आधा खर्च सरकार उठाएगी।
वहीं, अगर यही ट्रैक्टर एक सामान्य किसान खरीदे तो उनको 40% सब्सिडी में 1,80,000 रुपये के ट्रैक्टर पर किसान का 2,70,000 भुगतान करना होगा। इस हिसाब से महिला किसानों को पुरुष किसानों की तुलना में 45,000 रुपये ज्यादा छूट मिलेगी।
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महिला किसान अगर इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं, तो उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल https://agrimachinery.nic.in या https://myscheme.gov.in पर जाना होगा।
उसके बाद आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करने के बाद आवेदन फॉर्म भरना होगा, जिसमें ट्रैक्टर या मशीन का चयन करना होगा।
साथ ही जरूरी दस्तावेज जैसे जमीन का रिकॉर्ड, बैंक पासबुक और पहचान पत्र अपलोड करने होंगे।
इसके बाद राज्य का कृषि विभाग सभी दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करेगा जब आवेदन स्वीकृत हो जाएगा, तो सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में DBT /Direct Benefit Transfer के जरिए भेज दी जाएगी।
प्रश्न : SMAM योजना क्या है ?
उत्तर : महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने SMAM योजना के तहत ट्रैक्टर पर 50% सब्सिडी देने की सुविधा दी है। अब महिलाएं 4.5 लाख रुपए का ट्रैक्टर सिर्फ आधी कीमत पर खरीद सकती हैं।
प्रश्न : SMAM योजना का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर : SMAM योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को खेती के लिए आवश्यक और आधुनिक मशीनें सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना है।
प्रश्न : SMAM योजना के तहत सामान्य किसानों को कितना अनुदान मिलेगा ?
उत्तर : सामान्य किसानों के लिए मशीन की लागत पर 40% सब्सिडी अधिकतम 2 लाख रुपये तक है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 21वीं किस्त जारी करने की घोषणा की है।
इस किस्त में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के उन किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई है जो हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के कृषि मंत्री, सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही किसान समूहों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड जैसे तीनों राज्यों ने हाल ही में भीषण बाढ़, भूस्खलन और व्यापक फसल क्षति का सामना किया है, जिससे किसान परिवारों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा है। इस संदर्भ में, आज जारी पीएम-किसान योजना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
तीनों राज्यों के लगभग 2.7 लाख महिला किसानों सहित 27 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में कुल ₹540 करोड़ से अधिक की राशि सीधे ट्रांसफर की गई है। इस सहायता का उद्देश्य हाल की आपदाओं से उबरने के लिए काम कर रहे किसानों को समय पर राहत प्रदान करना है।
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शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम के दौरान हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़े रहने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ₹2,000 की किस्त से किसानों को अपनी तत्काल घरेलू ज़रूरतें पूरी करने, अगले बुवाई चक्र के लिए बीज और उर्वरक खरीदने और खेती फिर से शुरू करने का आत्मविश्वास हांसिल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वित्तीय सहायता के अलावा, यह किस्त इस बात का आश्वासन भी है कि सरकार हर किसान की परवाह करती है और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ उनके संघर्ष में कोई भी पीछे नहीं छूटेगा।
कृषि मंत्री ने इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे को भी याद किया, जहाँ उन्होंने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के लिए क्रमशः ₹1500 करोड़, ₹1600 करोड़ और ₹1200 करोड़ की वित्तीय सहायता सहित व्यापक राहत उपायों की घोषणा की थी।
इसके अलावा, मृतकों और घायलों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि और पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सहायता भी प्रदान की गई थी।
पीएम-किसान की 21वीं किस्त का जारी होना इन उपायों पर आधारित है और ज़रूरत के समय में किसान परिवारों को समय पर मदद पहुँचाने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है।
प्रश्न : कृषि मंत्री ने कितने किसानों के खाते में धनराशि हस्तांतरित की है ?
उत्तर : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त जारी की, जिसमें हिमाचल, पंजाब और उत्तराखंड के 27 लाख से अधिक किसानों को ₹540 करोड़ की सहायता मिली है।
प्रश्न : कृषि मंत्री द्वारा तीन राज्यों में पीएम किसान की 21 क़िस्त जारी करने का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर : कृषि मंत्री द्वारा तीन राज्यों में पीएम किसान की 21 क़िस्त जारी करने का मुख्य उद्देश्य हालिया बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों को समर्थन देने और खेती पुनः शुरू करने हेतु प्रदान की गई है।
प्रश्न : पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के लिए कितनी वित्तीय सहायता दी गई है ?
उत्तर : हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के लिए क्रमशः ₹1500 करोड़, ₹1600 करोड़ और ₹1200 करोड़ की वित्तीय सहायता सहित व्यापक राहत उपायों की घोषणा की थी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप किसानों की आय बढ़ाने और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश के साथ-साथ जिला धार में भी दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी गांवों में पशुपालन विभाग के अमले द्वारा सीधे संपर्क कर किसानों को नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में जागरूक किया जाएगा तथा आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाएगा।
अभियान 3 चरणों में चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं के माध्यम से की जाएगी और यह अभियान 9 अक्टूबर तक चलेगा। प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग उमाकांत उमराव ने मंत्रालय में अभियान की तैयारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल मीडिया और ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी के माध्यम से किया जाए।
अभियान के प्रथम चरण में 10 या अधिक गौवंश-भैंसवंश वाले पशुपालकों, द्वितीय चरण में 5 या अधिक पशुपालकों और तृतीय चरण में 5 या कम पशुपालकों से संपर्क किया जाएगा। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी और मैत्री कार्यकर्ता घर-घर जाकर पशुपालकों को नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य, पोषण के साथ पशुओं में टैग लगाने संबंधी जानकारी भी देंगे। मैत्री कार्यकर्ताओं को इस कार्य के लिए मानदेय भी दिया जाएगा। साथ ही दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान के मास्टर ट्रेनर को राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रश्न : दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर : दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना है।
प्रश्न : दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान कितने चरण में संपन्न किया जाएगा ?
उत्तर : दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान तीन चरणों में संपन्न किया जाएगा।
प्रश्न : दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान कब से कब तक चलेगा ?
उत्तर : दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं के माध्यम से की जाएगी और यह अभियान 9 अक्टूबर तक चलेगा।
त्योहारी सीजन में लोग सरकार से किसी न किसी राहत की उम्मीद लगाए रहते हैं। इस बार नवरात्रि पर मोदी सरकार ने महिलाओं को खास तोहफा दिया है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 25 लाख नए मुफ्त LPG कनेक्शन बांटे जाएंगे। इसका सीधा फायदा गरीब घरों की महिलाओं को मिलेगा और आर्थिक मदद मिलेगी।
तेल मंत्रालय के मुताबिक, इस योजना के विस्तार के लिए 676 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से 512.5 करोड़ रुपये सिर्फ नए डिपॉजिट-फ्री कनेक्शन पर खर्च होंगे। हर कनेक्शन की लागत लगभग 2,050 रुपये होगी, जिसमें सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप, इंस्टॉलेशन और गैस बुकलेट शामिल है।
खास बात यह है, कि पहला सिलेंडर और चूल्हा भी बिल्कुल फ्री मिलेगा यानी महिलाओं को किसी भी प्रकार की शुरुआती लागत नहीं उठानी होगी।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मई 2016 में शुरू हुई थी। शुरुआत में सरकार ने 8 करोड़ मुफ्त LPG कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था, जिसे 2019 तक पूरा कर लिया गया। इसके बाद अगस्त 2021 में उज्ज्वला 2.0 लॉन्च की गई, जिसमें और ज्यादा परिवारों को जोड़ा गया।
अब तक देशभर में 10.33 करोड़ से ज्यादा परिवारों को इस योजना का फायदा मिल चुका है। इस नए ऐलान के बाद यह संख्या 10.58 करोड़ से ऊपर पहुंच जाएगी।
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केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, “उज्ज्वला योजना ने करोड़ों महिलाओं की रसोई को धुएं से मुक्त किया है। इससे उनकी सेहत बेहतर हुई है और जीवन में बड़ा बदलाव आया है। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि महिलाओं की असली ताकत और सम्मान का प्रतीक है।
त्यौहार के सीजन में लोगों को एक और राहत मिली है। 22 सितंबर से लागू हुए GST 2.0 के तहत कई जरूरी सामान, खासकर किचन से जुड़ी चीजें सस्ती हो गई हैं। ऐसे में महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत फ्री LPG कनेक्शन और रसोई के सामान में राहत-दोहरा फायदा मिल रहा है।
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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। आवेदक महिला का आधार कार्ड और राशन कार्ड होना अनिवार्य है। इसके साथ ही बैंक खाता पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र और बीपीएल कार्ड की भी जरूरत होती है। आवेदन करने वाली महिला का नाम परिवार की गरीबी रेखा सूची में दर्ज होना चाहिए।
प्रश्न : उज्ज्वला योजना के लिए कितनी धनराशि मंजूर की गई है ?
उत्तर : तेल मंत्रालय के अनुसार इस योजना के विस्तार के लिए केंद्र सरकार द्वारा 676 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
प्रश्न : नए डिपॉजिट-फ्री कनेक्शन पर खर्च और लागत क्या है ?
उत्तर : केंद्र द्वारा 512.5 करोड़ रुपये सिर्फ नए डिपॉजिट-फ्री कनेक्शन पर खर्च होंगे और हर कनेक्शन की लागत लगभग 2,050 रुपये होगी।
प्रश्न : उज्ज्वला योजना की शुरुआत कब और किसने की थी ?
उत्तर : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में किया था।
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